नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले विधायकों और सांसदों की जानकारी नहीं पेश करने को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दागी माननीयों के आपराधिक रिकॉर्ड पेश करने के लिए सरकार को पांच सितंबर तक का वक्त दिया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दागी विधायकों एवं सांसदों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की सुनवाई तेजी से करने के लिए विशेष न्यायालय गठित करने की मांग की गई है। वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह विधायकों एवं सांसदों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की सुनवाई तेजी से सुनिश्चित करने के लिए विशेष अदालतें गठित करने का निर्देश दें।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में पांच सितंबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। न्यायालय ने दागी नेताओं से जुड़े आपराधिक मामलों की सुनवाई तेजी से करने के लिए गत 14 दिसंबर को केंद्र सरकार को 12 विशेष अदालतें गठित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा कि इन अदालतों को इस साल मार्च से सुनवाई शुरू कर देनी चाहिए। जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने गत 21 अगस्त को केंद्र सरकार से कहा था कि वह विशेष अदालतों के गठन के बारे में उसे सूचित करे।
केंद्र सरकार ने सांसदों और विधायकों पर चल रहे मामलों को निपटाने के लिए एक साल तक 12 स्पेशल कोर्ट चलाने पर सहमति जताई थी। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि इस वक्त 1581 सांसदों और विधायकों पर करीब 13500 आपराधिक मामले लंबित हैं। इनके निपटान के लिए एक साल के लिए 12 विशेष अदालतों का गठन किया जाएगा, जिस पर 7.80 करोड रुपये का खर्च आएगा।