VIDEO : सौभाग्य क्या आई…साल्ड गांव में अंधेरा छा गया

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प्रदीप रावत

देहरादून: सरकार भी गजब है। एक तरफ देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गांवों को बिजली कनेक्शन देने वाली सौभाग्य योजना की जय-जयकार कर रहे थे। दूसरी ओर ऊर्जा निगम ने उत्तरकाशी जिले के साल्ड गांव के 70 परिवारों के बिजली कनेक्शन एक ही दिन में काट दिए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारों की दोहरी नितियां किस तरह लोगों को परेशान कर रही हैं। इतना ही नहीं बिजली कनेक्शन ऐसे समय में काटे जा रहे हंै, जब हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं।VIDEO : सौभाग्य क्या आई...साल्ड गांव में अंधेरा छा गया 2 Hello Uttarakhand News »

ऐसा लगता है कि सरकार के नुमायंदों को साल्ड गांव के गरीब लोग की नजर आए। उत्तरकाशी शहर और प्रदेशभर में विभाग का दूसरे सरकारी विभागों पर ही करोड़ों का बकाया है। इसके अलावा कई बड़े कारोबारियों पर भी मोटी रकम बकाया है। उनके कनेक्शन तो कभी नहीं काटे जाते। सबसे हैरानी की बात यह है कि विभाग ने एक साथ 70 परिवारों के रोशन घरों को अंधकार में डाल दिया। यह बात केवल घरों के बिजली के बल्ब की रोशनी जाने की नहीं है। यह इन घरों में हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों के जीवन के लिए भी किसी अंधेरे से कम नहीं है।

सवाल यह है कि बिन बिजली के बच्चे परीक्षा की तैयारी कैसे करेंगे। सरकार न तो पर्याप्त कैरोसीन देती है और जो मिलता भी है। वह भी समय पर नहीं आता है। अगर मान भी लिया जाए कि लोग दूसरे विकल्पों से काम चला लेंगे, लेकिन वह विकल्प बगैर बिजली के कितने दिनों तक काम करेंगे। बिजली विभाग के एसडीएओ की मानें तो 22 दिन में फिर से कनेक्शन जोड़ देंगे। यह भी हो सकता था कि 22 दिन बाद ही कनेक्शन काटे जाते। तब तक बच्चों की परीक्षा भी हो जाती।

VIDEO : सौभाग्य क्या आई...साल्ड गांव में अंधेरा छा गया 3 Hello Uttarakhand News »सरकार से सवाल
सरकार से पहला सवाल यह है कि ऐसे आदेश ही क्यों दिए जाते हैं, जब उन पर अलम नहीं होता। बोर्ड परीक्षाओं में लाउड स्पीकर नहीं चलाने के आदेश हैं। बावजूद इसके खुलेआम सुबह से शाम तक विभिन्न तरह के आयोजनों में लाउड स्पीकर की आवाज बुलंदी पर है। दूर क्यों जाएं, यही देहरादून में सरकार जांच करा ले, हर मोहल्ले में लाउड स्पीकर बजते मिल जाएंगे। दूसरा सवाल यह कि परेड़ ग्राउंड में सौभाग्य योजना शुरू करने के लिए जो तामझाम जुटाए गए। उन पर लाखों खर्च करने का क्या लाभ, जब लोगों के कनेक्शन काटने ही हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि आप इन कनेक्शन को काटकर फिर से जोड़ दें और आंकड़ों में दिखा दें कि हमने सौभाग्य योजना में इतने नए कनेक्शन दे दिए।

ग्रामीणों ने जमकर किया विरोध
साल्ड गांव के ग्रामीणों ने विभाग की कार्रवाई का जमकर विरोध भी किया। लोगों ने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारी बगैर सूचना दिए सीधे कनेक्शन काटकर चले गए। कोई नोटिस भी नहीं दिया गया। ग्रामीणों ने प्रधान राजेश राणा और शिवनारायण नौटियाल के नेतृत्व में एसडीओ सहित अन्य कर्मचारियों की गाड़ियां रोक दी और उन्हें बंधक बना दिया। इस दौरान ग्रामीणों और विभागीय कर्मचारियों के बीच झड़प भी हुई।

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