नई दिल्ली: दिल्ली में सरकारी स्कूलों की बदली सूरत से देश ही नहीं विदेशों में भी इसकी चर्चा है। सरकारी स्कूलों की कायापलट कर केजरीवाल सरकार ने गरीब बच्चों को अवसर के साथ-साथ इज्जत भी दी है। ये किसी नेता का बयान नहीं बल्कि बच्चों के अपने विचार हैं।
सोचनीय है कि, किसी नेता, बड़े कारोबारी, या रईश लोगों का बच्चा क्यों सरकारी स्कूलों में नहीं जाता? वजह साफ है जहां बैठने को कुर्सी तो छोड़ो चटाई तक की कमी होती, पढ़ाने को शिक्षक नहीं होते, शौचालय तक नहीं होता यदि होता है तो उसकी हालत देखने लायक नहीं होती।
ऐसे सरकारी स्कूलों की सूरत दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने बदली है। जिन स्कूलों में बैठने को कुर्सी तक नहीं होती थी, वहां के बच्चे अब कमप्यूटर चलाते हैं, अंग्रेजी बोलते हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों का इनफ्रास्ट्रक्चर बड़े निजी स्कूलों के इनफ्रास्ट्रक्चर को टक्कर देने वाला है। इसी को लेकर आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे समाज में सिर उठाकर बोल रहे हैं कि वो एक सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। इसका पूरा श्रेय दिल्ली सरकार और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की पूरी टीम को जाता है।
पिछले कुछ समय में भाजपा शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कायापलट को समझने के लिए वहां गए। जिसे सीधे तौर पर ना सही लेकिन, इससे यही साबित होता है कि, अन्य पार्टियों ने भी इस मामले में केजरीवाल सरकार का लोहा माना है।
वहीँ दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने ऐसे ही बच्चों का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि, एक अच्छी स्कूल बिल्डिंग झुग्गी में रहने वाले बच्चे की अस्मिता व आत्मविश्वास पर क्या असर डालती है..सुनिए ख़ुद बच्चों की ज़ुबानी-
उन्होंने लिखा आज दिल्ली के शाहबाद डेयरी झुग्गी क्षेत्र में एक नई स्कूल बिल्डिंग के शुभारम्भ के दौरान बच्चों के, दिल छू लेने वाले बोल.. 5 साल की मेहनत वसूल हो गई।
एक अच्छी स्कूल बिल्डिंग झुग्गी में रहने वाले बच्चे की अस्मिता व आत्मविश्वास पर क्या असर डालती है..सुनिए ख़ुद बच्चों की ज़ुबानी-
(आज दिल्ली के शाहबाद डेयरी झुग्गी क्षेत्र में एक नई स्कूल बिल्डिंग के शुभारम्भ के दौरान बच्चों के, दिल छू लेने वाले बोल.. 5 साल की मेहनत वसूल हो गई) pic.twitter.com/cVLy5xiSC8
— Manish Sisodia (@msisodia) January 2, 2020