देहरादून: आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर डेढ़ दर्जन लोगों से 1.41 करोड़ रुपये हड़पने का मामला सामने आया है। नेहरू कॉलोनी के अंतर्गत बेरोजगार आयुर्वेदिक डिप्लोमा फार्मेसी संघ के प्रदेश अध्यक्ष की तहरीर पर रकम हड़पने के दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक सरकारी नौकरी का झांसा देकर रकम हड़पने को लेकर बेरोजगार आयुर्वेदिक डिप्लोमा फार्मेसी संघ के प्रदेश अध्यक्ष आजाद डिमरी मूल निवासी भाटिया, तहसील बड़कोट, जिला उत्तरकाशी हाल निवासी चौहान सदन, टी एस्टेट, बंजारावाला ने तहरीर दी।
उनका आरोप है कि मृणाल धूलिया पुत्र दिनेश चंद्र धूलिया निवासी जीटीएम, मोहकमपुर ने अपने भाई नीरज धूलिया के साथ मिलकर झांसा दिया कि वह उनके संघ से जुड़े लोगों को आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी में फोर्मेसी स्टोर के नए पद सृजित कर उन पर नौकरी दिलवा देंगे। आरोप है कि नीरज नेहरू कॉलोनी में ओजस्वी एसोसिएट्स के नाम से कार्यालय चलाता है। पीड़ितों के सामने उसने खुद को उत्तराखंड आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी का संचालक बताया।
आजाद डिमरी अनुसार वह व उसके साथी आरोपियों के झांसे में आ गए। मामले में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। दोनों आरोपी आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी में पीपीपी मोड पर पंचकर्म यूनिट और आयुर्वेदिक चिकित्सालय का संचालन कर चुके हैं।
आजाद डिमरी से उसके साथियों को नौकरी दिलाने के नाम पर 54 लाख रुपये हड़पे गए। दीपक थपलियाल से सात लाख रुपये, विजय डोभाल से 12 लाख रुपये, विपिन चंद से सात लाख रुपये, संजय कुमार से 5.60 लाख रुपये, जयवीर रावत से तीन लाख रुपये, अशोक रावत से सात लाख रुपये, नीरज चौहान से पांच लाख रुपये, रवि सैनी से छह लाख रुपये, उपासना सेमवाल से पांच लाख रुपये, स्मिता कोठियाल से पांच लाख रुपये, विपिन उनियाल से चार लाख रुपये, अंजली सेमवाल से छह लाख रुपये, विपिन से पांच लाख रुपये, अवधेश नेगी से छह लाख रुपये, मनीष नेगी से चार लाख रुपये हड़पे गए हैं।
वहीँ नेहरू कॉलोनी पुलिस के अनुसार, अभी पीड़ितों की संख्या और बढ़ सकती है। शुरुआती जांच में 16 पीड़ित सामने आए हैं। जबकि पहाड़ के दूर-दराज के लोग भी दोनों आरोपियों के झांसे में आकर ठगे गए हैं। वो भी मुकदमा दर्ज होने की सूचना मिलने पर नेहरू कॉलोनी थाने में पहुंच सकते हैं। आरोपियों ने वर्ष मार्च से जून के बीच पीड़ितों से यह रकम ठगी है। पीड़ितों को फार्मेसी स्टोर के अलावा क्लर्क, पंचकर्म यूनिट, फार्मासिस्ट, लैब टैक्निशियन, नर्सिंग पदों पर नौकरी का झांसा दिया।
आजाद डिमरी का आरोप है कि दोनों आरोपियों ने यूनिवर्सिटी में 90 पद सृजित कराने का झांसा देकर ही 54 लाख रुपये हड़पे। इसके बाद नौकरी के नाम पर अलग-अलग बेरोजगार को झांसे में लिया गया। नौकरी नहीं मिलने पर पीड़ितों ने अपनी रकम वापस मांगी तो उन्हें आरोपियों ने चेक थमा दिए, जो बैंकों में बाउंस हो गए।