देहरादून: प्रदेश में चारधाम यात्रा की तैयारिययां जोरों पर है। भगवान बद्रीनाथ के कपाट खोलने की तिथि का मुहूर्त भी निकाला जा चुका है। यात्रा की दूसरी तैयारियों के साथ यूकाडा भी प्रदेश में हवाई सेवा के लिए टेंडर की तैयारियों में जुटा हुआ है। हेली टेंडर उत्तराखंड में हमेशा से चर्चा में रहे हैं। चाहे भाजपा की सरकार रही हो या फिर कांग्रेस की। कुछ खास कंपनियों का टैग दोनों ही सरकारों पर चिपका रहा। उनमें सबसे बड़ा नाम हेरीटेज का है, इस कंपनी की प्रदेश की हवाई सेवा में सबसे अधिक दखल और हिस्सेदारी है। अब देखना होगा कि इस बार सरकार हेली सेवा के टेंडर में पारदर्शिता ला पाती है या फिर से कोई विवाद खड़ा हो जाएगा।
हेरीटेज पर उठते रहे सवाल
हेरीटेज कंपनी को पिछले साल ब्लैक टिकटिंग करते हुए पकड़ा गया था। मामले में केस भी दर्ज है। बावजूद प्रदेश में कंपनी की सेवाएं जारी रही। उसके बाद देहरादून जौलीग्रांट एयर पोर्ट से पिथौरागढ़ के लिए शुरू की गई हवाई सेवा का काम भी हेरीटेज को ही दिया गया। इसको लेकर भी सवाल उठते रहे। कुछ दिनों पहले ही विधायक हरीश धामी ने हेरीटेज के एयरक्राफ्ट को लेकर सवाल खड़े किए थे। उनका आरोप था कि एयरक्राफ्ट पुराना है और आए दिन खराब होता रहता है। डीएम से भी इस बात की शिकायत की गई थी, लेकिन किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया।
जोखिम में यात्रियों की जान
हेरीटेज कंपनी का यही एयरक्राफ्ट लोगों की जान ले सकता है। पिछले शनिवार को ही देहरादून से उड़ान भरने के कुछ समय बाद एयरक्राफ्ट का दरवाजा टूट गया था। जिसके बाद इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। विमान में उस समय आठ लोग सवार थे। डीजीसीए जांच की बात कर रही है, लेकिन इससे पहले डीजीसीए का जो रवैया रहा है, उससे लगता नहीं कि डीजीसीए इस मामले में गंभीरता से कुछ करने वाली है।
सरकार भी मेहरबान
इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी सरकार चुप है। हेरीटेज की सेवाओं को बरकरार रखा गया है। इससे साबित होता है कि हेरीटेज पर सरकार से लेकर यूकाडा और डीजीसीए के अधिकारियों की बड़ी मेहरबानी है। इतनी बड़ी घटना के बाद सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं। एयरपोर्ट अथाॅर्टी भी कंपनी के पक्ष में खड़ी नजर आई।