देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने संबंधी अध्यादेश को राजभवन ने मंजूरी दे दी है। प्रदेश सरकार के इस अध्यादेश से पूर्व मुख्यमंत्रियों को बड़ी राहत दी गई है। जिसके तहत अब पूर्व मुख्यमंत्रीयों को लाखों का बकाया नहीं चुकाना पड़ेगा। बल्कि इस अध्यादेश के नए प्रावधानों से सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को और भी सुविधाएं मिल सकेंगी। हालाँकि भविष्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये सुविधाएं नहीं दी जाएंगी। साथ ही इस अध्यादेश के प्रभाव से हाईकोर्ट के आदेश भी निष्प्रभावी हो गए।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास समेत अन्य सुख-सुविधाओं के संबंध में अध्यादेश को बीती 13 अगस्त को राज्य मंत्रिमंडल ने गुपचुप तरीके से मंजूरी दी थी। मंत्रिमंडल से मंजूर उक्त अध्यादेश को हफ्तेभर बाद राजभवन भेजा गया। राजभवन ने भी इस अध्यादेश को मंजूरी देने में 15 दिन से ज्यादा वक्त लिया।
नए अध्यादेश के तहत पूर्व मुख्यमंत्ररियों को सरकारी किराया दर पर आवास, चालक समेत मुफ्त वाहन, ओएसडी या पीआरओ, सुरक्षा गार्ड, टेलीफोन व अन्य सुविधाएं मिलेगी। आवास आवंटन की तिथि से सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर ही किराया वसूला जाएगा, ना कि बाजार दर से।
बता दें कि नैनीताल उच्च न्यायालय ने सरकार को आदेश दिए थे कि वो सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से उनके कार्यकाल का किराया बाजार दर पर वसूल करे। इसके बाद सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को किराया वसूली का नोटिस जारी कर दिया था। वहीँ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोश्यारी पर सरकार का 47 लाख रुपये और बहुगुणा पर 37 लाख रुपये किराया बकाया है।