नई दिल्ली: सीबीआई के स्थाई निदेशक की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट केंद्र पर सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि सीबीआई के स्थाई निदेशक की नियुक्ति क्यों नहीं हुई? सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर को लंबे समय तक पद पर कायम रखने के फैसले पर टिप्प्णी करते हुए कहा कि वह लंबे समय तक अंतरिम प्रमुख की नियुक्ति के विरुद्ध है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई निदेशक का पद बहुत संवेदनशील होता है और इसको देखते हुए अब स्थाई निदेशक की नियुक्ति कर दी जानी चाहिए।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अदालत को बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी शुक्रवार को नये डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए बैठक बुलाएगी। उन्होंने कहा कि एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त करने से पहले केंद्र ने उच्च स्तरीय कमेटी से अनुमति ली थी। अटॉर्नी जनरल की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 फरवरी की तारीख तय की। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस नवीन सिंहा की बेंच सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ये जानते हुए कि पिछले निदेशक रिटायर होने वाले हैं, नए निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो जानी चाहिए थी। बता दें कि सीबीआई निदेशक का पद आलोक वर्मा को हटाए जाने के चलते 10 जनवरी से ही खाली है।
आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच विवाद जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, कोर्ट ने आलोक वर्मा को बहाल करते हुए उच्च स्तरीय कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। इसके बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी ने आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटा दिया था। आलोक वर्मा को हटाने के बाद एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त कर दिया गया था। बता दें कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में नए डायरेक्टर की नियुक्ति को लेकर आज बैठक होनी है।