नई दिल्ली: वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को पूर्व आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल के इस्तीफे को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूर्व आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल से इस्तीफा नहीं मांगा था। अरुण जेटली ने कहा कि सरकार को आरबीआई के कैपिटल रिजर्व से एक रुपये की भी जरूरत नहीं है।
अचानक से उनके इस्तीफे को लेकर जेटली ने कहा कि पिछले कुछ समय से सरकार और आरबीआई के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद थे। आरबीआई बोर्ड की बैठक में इस बात पर चर्चा भी हुई थी कि सेंट्रल बैंक के पास कितना कैपिटल रिजर्व होना चाहिए, लेकिन, सरकार ने कभी भी उनका इस्तीफा नहीं मांगा। उर्जित पटेल की जगह सरकार ने पूर्व ब्यूरोक्रेट शक्तिकांत दास को आरबीआई का नया गवर्नर बनाया है।
इससे पहले 13 दिसंबर को वित्तमंत्री ने कहा था कि सरकार और रिजर्व बैंक के बीच मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि दो-तीन मुद्दे हैं जहां रिजर्व बैंक के साथ मतभेद हैं। हालांकि, उन्होंने इस पर सवाल उठाया कि रिजर्व बैंक के कामकाज के तरीके पर चर्चा करने मात्र से ही इसे कैसे एक संस्थान को ‘नष्ट’ करना कहा जा रहा है।
उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी समेत पूर्व सरकारों के ऐेसे उदाहरण दिये जिसमें आरबीआई के तत्कालीन गवर्नरों को इस्तीफा देने तक को कहा गया। टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकोनोमिक कॉन्क्लेव में जेटली ने कहा कि आरबीआई के साथ अर्थव्यवस्था में कर्ज प्रवाह तथा नकदी समर्थन समेत कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद है और सरकार ने अपनी चिंता बताने के लिये बातचीत शुरू की थी।