देहरादून: जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष व जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष राघुनाथ सिंह नेगी ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को निशाने पर लिया है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 16 माह के कार्यकाल में प्रदेश पर 9060 के कर्ज का बोझ लाद दिया है। उन्होंने कहा कि सीएम विकास कार्यों का दावा करते हैं, लेकिन रिजर्व बैंक से जो भी लोन लिया गया है। उससे केवल कर्मचारियों का वेतन और विधायकों के भत्ते ही निपट पाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने प्रदेश के खनन और शराब माफिया के पास गिरवी रखने का काम किया है। सवाल उठाया कि जब सरकार को शराब और खनन से लाभ हो रहा है, तो फिर इतना भारी-भरकम कर्ज क्यों लिया जा रहा है।
रघुनाथ सिंह नेगी ने हैरानी जताते हुए कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने वर्ष 2017-18 में 6660 करोड़ का ऋण लिया। जबकि इस वित्तीय वर्ष 2018-19 में माह अपै्रल, मई, जून व जुलाई में 2400 करोड़ का फिर से कर्ज लिया है। यानि इन 16 महीनों में सरकार 9060 करोड़ का ऋण ले चुकी है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मुखिया हरीश रावत ने वर्ष 2016-17 में 5450 करोड़ का ऋण लिया, वो भी ऐसी हालत में जब केंद्र से कोई अतिरिक्त मदद नहीं मिल पा रही थी। तब सरकार ने कोई मदद नहीं मिलने के बावजूद वर्ष 2015-16 में मात्र 3900 करोड़ का ऋण लिया था। वर्तमान सरकार को ऋण उससे कहीं अधिक है। वर्तमान में केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार होने के बावजूद प्रदेश के मुखिया हजारों करोड़ कर्ज लेकर प्रदेश की लुटिया डुबाने में लगे हैं। जबकि सरकार खुद ही दावा करती है कि उनको केंद्र सरकार पूरी मदद कर रही है। कंद्र की सहायता से कई योजनाएं भी प्रदेश में संचालित होने का दावा किया जा रहा है, फिर प्रदेश पर कर्ज का बोझ क्यों लादा जा रहा है।