देहरादून: समाचार प्लस के मालिक उमेश कुमार की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। प्रदेश सरकार ने उमेश कुमार के खिलाफ पहले स्टिंग कर सीएम को फंसाने के आरोप में मुकदमा कराया, वहां से राहत मिलने के बाद सरकार ने फिर से उमेश पर जमीन के पुराने मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया था, जिसको लेकर उमेश कुमार के वकील ने हाई कोर्ट में वाद दायर किया था। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस लोकपाल सिंह की अदालत ने उमेश कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
दरअसल, उमेश कुमार को देहरादून से जेल से रिहा किया गया था। यहां से उनको रांची पुलिस राष्ट्रद्रोह के मामले में गिरफ्तार कर अपने साथ रांची ले गई। रांची में भी कोर्ट से उमेश कुमार को जमानत मिल गई थी, लेकिन सरकार के दबाव में पुलिस ने उमेश कुमार को ई-वारंट भेजा था। इसके चलते उमेश कुमार ने जमानत लेने से इंकार कर दिया।
इधर, नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई है। उमेश कुमार के वकील ने बताया कि कोर्ट ने कहा कि जब मामला पहले से ही कोर्ट में लंबित चल रहा है, तो ऐसे में पुलिस ने किन परिस्थियों में लोअर कोर्ट से वारंट लिया। कोर्ट ने जांच अधिकारी से सफाई देने के लिए कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर वो इस पर जवाब फाइल नहीं करते हैं, तो उनको व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना होगा।
उमेश कुमार की गिरफ्तारी पर रोक से एक बात तो साफ हो गई है कि सरकार उनको जबरन फंसाने का प्रयास कर रही है। बावजूद इसके एक के बाद एक सभी मामलों में उमेश कुमार को कोर्ट से राहत मिल रही है। उधर, सीएम के भाई और दोस्त को लेकर भी कोर्ट पहले ही सख्ती बरत चुका है। ऐसे में सीएम और सरकार के लिए राहत के बजाय पूरा मामला आफत बनता नजर आ रहा है।