नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में आगामी चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए जोर-शोर से प्रचार में जुटे हैं। जनता को लुभाने के लिए तमाम दावे किए जा रहे है। इसी बीच कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। खास बात यह है कि राज्य में सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने के लिए जी-जान लगा रही कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि अगर उसकी सरकार बनती है तो सरकारी कार्यालयों और परिसर में आरएसएस की शाखा नहीं लगने दी जाएगी। इसके अलावा पार्टी अपने पिछले फैसले को भी वापस लेगी जिसमें सरकारी कर्मियों को आरएसएस की शाखा में जाने की इजाजत दी गई है।
#Congress in its manifesto in #MadhyaPradesh has said if the party comes to power then RSS 'shakhas' would not be allowed in Government buildings and premises, also earlier order to allow Govt employees to attend RSS 'shakhas' will be revoked. pic.twitter.com/XuCRsbCY9F
— ANI (@ANI) November 11, 2018
गौरतलब है कि कांग्रेस ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये शनिवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। कांग्रेस द्वारा जारी किये गये इस वचन पत्र में कर्मचारी, हस्तशिल्पी, आम जनता, महिला, पत्रकार सहित सभी वर्गो के लिये कुछ न कुछ अच्छा करने का वादा किया गया है, लेकिन सबसे अधिक किसान और युवा वर्ग पर ध्यान दिया गया है। कांग्रेस ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने वाले उद्योगों को वेतन अनुदान देने का भी वचन दिया है। कांग्रेस ने प्रदेश के किसानों को कृषि भूमि रजिस्ट्री शुल्क में छूट देने और छोटे किसानों को कन्या विवाह हेतु 51 हजार रुपये की सहायता देने का भी वादा किया है।
प्रदेश कांग्रेस ने किसानों के लिए घोषणाओं की बौछार करते हुए दो लाख रुपये तक कर्ज माफ करने, 60 वर्ष की आयु के छोटे किसानों को 1,000 मासिक पेंशन देने, बिजली बिल आधा करने, गेहूं, धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, सरसों, कपास, अरहर, मूंग, चना एवं मसूर, उड़द, लहसुन, प्याज, टमाटर एवं गन्ना पर बोनस देने, दूध पर पांच रुपये प्रति लीटर बोनस देने, कृषि भूमि की रजिस्ट्री में छूट के तहत पुरुष किसान को 6 फीसद तथा महिला किसान को 3 प्रतिशत का रियायती शुल्क लेने सहित डीजल-पेट्रोल पर छूट देने का वादा किया गया है। कांग्रेस ने प्रदेश में सत्ता में आने के बाद युवाओं की समस्याओं पर विशेष ध्यान देने के लिये युवा आयोग के गठन की भी घोषणा की है. कांग्रेस ने स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने वाले उद्योगों को जीएसटी में राहत देने की बात भी कही है।