समुद्र के रास्ते भी आतंकी कर सकते हैं हमला: नौसेनाध्यक्ष

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नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने मंगलवार को कहा कि पुलवामा हमले को भारत को अस्थिर करने की चाहत रखने वाले ‘एक देश से सहायता प्राप्त’ चरमपंथियों ने अंजाम दिया था।
लांबा ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद में रक्षा क्षेत्र से जुड़े वैश्विक विशेषज्ञों और राजनयिकों को संबोधित करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में क्षेत्र ने कई तरह का आतंकवाद देखा है और विश्व के इस हिस्से में कुछ ही देश इसकी जद में आने से बच पाए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसारउन्होंने कहा कि आतंकवाद ने हाल में जो वैश्विक रुख अख्तियार किया है, उससे यह खतरा और बढ़ गया है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत को हालांकि ‘काफी अधिक गंभीर’ आतंकवाद का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘हाल में लगभग तीन सप्ताह पहले जम्मू कश्मीर में चरमपंथी हमला हुआ। इस हिंसा को भारत को अस्थिर करने की चाहत रखने वाले एक देश से सहायता प्राप्त चरमपंथियों ने अंजाम दिया।’
लांबा ने कहा, ‘हमारे पास ऐसी भी खबरें हैं कि आतंकवादियों को समुद्री मार्ग सहित विभिन्न तरीकों से हमलों को अंजाम देने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।’ जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे।
लांबा ने कहा, ‘भारत-प्रशांत क्षेत्र ने हालिया वर्षों में आतंकवाद के कई रूपों को देखा है और दुनिया के इस हिस्से के कुछ देश इसका नुकसान उठाने से बच पाए हैं। आतंकवाद ने हालिया समय में वैश्विक रूप अपना लिया है जिसने इस खतरे के दायरे को और बढ़ा दिया है। हमारे पास कई ऐसी रिपोर्ट्स हैं जिनसे पता चलता है कि आतंकियों को कई तरीकों से हमले करने का प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें समुद्र भी शामिल है।’

 

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