नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश है, हर तरफ इस बात की मांग उठ रही है कि हमले के पीछे के साजिशकर्ताओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। इस बीच रक्षा मंत्रालय की ओर से तमाम न्यूज चैनल्स को एक एडवायजरी जारी की गई है जिसमे कहा गया है कि वह शहीद हुए जवानों के परिवार की तस्वीर और फुटेज को ना दिखाएं,वह इस समय दुख और पीड़ा से गुजर रहे हैं। इस तरह की तस्वीरें आतंकियों के मकसद को आगे बढ़ाती हैं।
साथ ही सीआरपीएफ ने इस बात की अपील की है कि जबतक आधिकारिक तौर पर शहीदों के नाम घोषित नहीं किए जाते हैं उनके नाम को ना बताएं।इससे पहले पुलवामा आतंकी हमले के ठीक बाद केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन चैनलों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि ऐसा कंटेंट ना दिखाया जाए जो कानून व्यवस्था के लिए मुश्किल पैदा करे, एंटी नेशनल भावनाओं को बढ़ावा दे या देश की अखंडता के लिए खतरा हो। बता दें कि गुरुवार को एक फिदायीन हमले में 44 जवान शहीद हो गए थे। यह हमला उस वक्त हुआ जब 78 गाड़ियों में सेना के 2000 से अधिक जवान जा रहे थे।
बता दें कि गुरुवार को सेना के काफिले पर आतंकी ने फिदायीन हमला कर दिया, जिसमे 44 जवान शहीद हो गए। जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है। जैश का आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो विस्फोटकों से भरी गाड़ी लेकर जवानों की बस से टकरा गया। जिस काफिले को निशाना बनाया गया है उसमें करीब 2500 जवान सफर कर रहे थे। ये सभी जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे। जैश ने इस हमले के साथ ही सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से जानकारी दी गई है कि हमले को जैश के आतंकी आदिल अहमद डार उर्फ वकास ने अंजाम दिया। आदिल पुलवामा का ही रहने वाला था और यहां के काकापोरा से आता था।