श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के बाद पहली बार राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि विधानसभा भंग करने से ठीक पहले मोदी सरकार सज्जाद लोन को मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी। मलिक ने कहा कि अगर सज्जाद लोन की सरकार बनती तो यह सूबे के लोगों के साथ बेईमानी होती और वह ईमानदार नहीं रह पाते। इस बयान ने केंद्र सरकार को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है।
मलिक ने बात इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए कही है। उन्होंने कहा केंद्र की ओर से उन पर कोई राजनीतिक दबाव व हस्तक्षेप नहीं था और वह पूरी तरह से अराजनैतिक था। बता दें कि पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनाने को लेकर चर्चा चली थी लेकिन जब तक कोई दावा करता उससे पहले ही राज्यपाल ने विधानसभा को भंग कर दिया। इसके बाद सत्य पाल मलिक विरोधियों के निशाने पर आ गए। अपने साक्षात्कार में सत्य पाल मलिक ने कहा कि नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने वालों में लोन पहले व्यक्ति थे। मलिक ने कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और राष्ट्रीय सम्मेलन (जो अन्य संभावित गठबंधन का हिस्सा था) सरकार बनाने के बारे में गंभीर नहीं थे, और राज्य विधानसभा को भंग करना चाहते थे।
आपको बतों दें कि बीजेपी मुफ्ती के पीडीपी के साथ गठबंधन से बाहर चली गई, इसलिए जम्मू-कश्मीर राज्यपाल के शासन में था। बीजेपी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने कहा कि सत्य पाल मलिक पर कोई दबाव नहीं था। सत्यपाल महिलक के बयान के बाद राजनीति भी गर्मा गई है। इससे पहले राज्यपाल ने इस मामले में रविश कुमार से भी बात की थी।
Breaking: J&K Governor Satyapal Malik says: "Had I listened to Delhi would have made Sajad Lone the chief minister and in History I would have been known as a dishonest person. Let them abuse me now, but m convinced that I have done a right thing! pic.twitter.com/jXd3hL0Kfd
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) November 27, 2018