मसूरी: मसराना-किमोई मोटर मार्ग की मांग को लेकर जौनपुर के ग्रामीणों ने शनिवार को एनएच 707-A मसराना के पास सङक जाम कर दी। विभिन्न गांवों से पहुंचे ग्रामीणों ने हाईवे को जाम कर सरकार और अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
ग्रामीणों का आरोप है कि, 2006 में वन विभाग के अधिकारियों ने वन कानूनों का हवाला देकर सङक निर्माण नही होने दिया। हाईवे जाम करने के लिए बङी संख्या में गांव के युवा, महिलाएं, बुजुर्ग सभी पहुंचे थे। इसी दौरान उत्तरकाशी दौरे पर जा रहे शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक भी धरना स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण मंत्री की बात सुनने को तैयार नही हुए। ग्रामीणों का कहना है कि, गांव में कोई भी बीमार होते हैं तो उन्हें कन्धों पर लादकर सङक तक पहुंचाया जाता है। कई लोग समय पर उपचार नही मिलने से गांव मे दम तोङ चुके हैं। वहीं शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने अधिकारियों को शीघ्र मौके पर आने के निर्देश दिए और समस्या के निराकरण करने के कड़े निर्देश दिए।
वहीँ सड़क जाम करने से इस रूट से उत्तरकाशी, टिहरी, धनोल्टी, गंगोत्री और जौनपुर जाने वाले पर्यटक और तीर्थयात्रीयों को काफी परेशानीयों का समना करना पड़ा। दिनभर यात्री भूखे-प्यासे जाम खुलने का इंतजार करते रहे, लेकिन मौके पर कई घंटों तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नही पहुंचे। जबकि, सङक जाम के दौरान सैकङों वाहन घंटो फंसे रहे। धरना स्थल के आसपास खाने-पीने के रेस्टोरेंट तक प्रदर्शनकारियों ने बंद करा दिए। पांच घंटे बाद वन विभाग के चीफ फाँरेस्ट आँफिसर के आने के बाद ग्रामीणों ने अपना धरना समाप्त किया। उसके बाद ही लोगों ने राहत की सांस ली।