केरल: केरल के बहुचर्चित सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं की एंट्री को लेकर जारी विवाद के बीच शुक्रवार को मंदिर के द्वार फिर खुल चुके हैं। इस बीच भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई पुणे से कोच्चि पहुंच गईं है। उनके मंदिर में प्रवेश करने की खबर को सुनकर एयरपोर्ट पर कई श्रद्धालु तृप्ति को रोकने के लिए सुबह से ही तांता लगाये हुए हैं। तृप्ति का कहना है कि उन्होंने केरल सरकार को पत्र लिख कर सुरक्षा मुहैया कराये जाने की मांग करी थी मगर केरल सरकार द्वारा अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। फिलहाल तृप्ति को एयरपोर्ट पर ही रखा गया है।
वहीँ, भाजपा नेता एमऍन गोपी का कहना है कि एयरपोर्ट के बाहर खड़ी जनता तृप्ति को किसी भी पुलिस या सरकारी गाड़ी की मदद से एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने देगी और न ही कोई टैक्सी उन्हें मंदिर तक लेकर जाएगी। अगर वे जाना चाहती हैं तो उन्हें अपने निजी वाहन से ही जाना होगा। इसके साथ ही उन्हें पूरे रास्ते में विरोध झेलना पड़ेगा।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तृप्ति देसाई का कहना है कि, प्रदर्शनकारियों को हिंसा नहीं करनी चाहिए। जब एक बार हम मंदिर पहुँच जायेंगे तब देखेंगे कि सरकार हमें कितनी सुरक्षा उपलब्ध कराती है। तृप्ति का कहना है कि केरल सरकार अगर सुरक्षा मुहैया नहीं करवाती है तब भी वे मंदिर जरुर जाएँगी। तृप्ति ने इस बार का खुलासा भी किया है कि उन्हें कई धमकियां भी मिली हैं, मगर वे डरने वाली नहीं और मंदिर जाकर रहेंगी।
बता दें कि सबरीमाला मंदिर के द्वार आज सुबह 5 बजे से 5:30 बजे तक खुले रहेंगे। तृप्ति देसाई ने केरल के सबरीमाला मंदिर ही नहीं बल्कि देश के कई मंदिर में महिलाओं को प्रवेश दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। तृप्ति देसाई ने भूमाता ब्रिगेड संस्था की स्थापना की, जिसका हेडक्वार्टर मुंबई में है। वे पहली बार 2007 में लाइम लाइट में तब आईं, जब उन्होंने ‘अजीत को-ओपरेटिव बैंक’ के चेयरमैन अजीत पवार पर 50 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया। इसके बाद वे 2012 के सिविक इलेक्शन में बालाजी नगर वार्ड से बतौर कांग्रेस कैंडिडेट खड़ी हुई।