रानीखेत: राज्य के पूर्व सैनिकों, विधवाओं और वीर नारियों को कानूनी अधिकारों से रूबरू कराने के उद्देश्य से जागरूकता शिविर का शुभारंभ केआरसी रानीखेत से हो गया है। कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर के तत्वाधन में सेना के दीवान सिंह हाल में सभी पूर्व सैनिको को न्याय मिले इस के लिए रविवार को एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसकी अध्यक्षता सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने की।उन्होंने कहा कि रानीखेत में उनका पहला कार्यक्रम है।
दरअसल उत्तराखंड में पूर्व फौजियों, वीर नारियों की अच्छी संख्या है। इसीलिए न्यायाधिकरण ने सेना के साथ मिलकर पूर्व सैनिकों को कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। पैरा लीगल वालियंटियर की सूची और उनके नंबर भी जिला सैनिक अधिकारियों को उपलब्ध कराए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि पूर्व सैनिकों को घर-घर तक कानूनी जानकारी उपलब्ध कराना उद्देश्य है। अभियान को रानीखेत से शुरू किया गया है। अब यह कार्यक्रम हल्द्वानी, लैंसडाउन, देहरादून में भी आयोजित किए जाएंगे। शिविर में पांचों जिलों से लगभग 500 पूर्व सैनिक, और वीर नारियों ने भाग लिया। बताया गया कि राज्य के अन्य जिलों में भी शीघ्र जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा की पूर्व सैनिको से संबधित पहले सुनवाई लखनऊ में होती थी अब नैनीताल में सुनवाई हो सकेगी।भविष्य में देहरादून, लैंसीडोन , हल्द्वानी में इस तरह की सुनवाई हो सकेगी। ‘न्याय चला फौजी से मिलने’ जैसे कार्यक्रमों से उक्त सभी को लाभ पंहुचेगा।रानीखेत का नाम वीरता के लिये स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। के आर सी कमान्डेन्ट द्वारा आश्वासन दिया गया की उनका पूरा सहयोग रहेगा।
बता दें कि यह कार्यक्रम उत्तराखण्ड राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण , उत्तराखण्ड सैनिक बोर्ड और सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के प्रसास से अल्मोड़ा,चम्पावत, नैनीताल, पिथौरागढ जिले के पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों ,विधवाओं वीर नारियों के लिए किया गया । इस मौके पर दीप प्रज्वलन में एयर मार्शल बी.बी. पी. सिन्हा ,मेजर जनरल प्रवीण कुमार शैलेन्द्र शर्मा अटल वरीष्ठ सरकारी स्थाई अधिवक्ता, केआरसी कमान्डेन्ट ब्रिगेडियर जी. एस. राठौर थे। मुख्यजनों को वृक्ष की पौध देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि सभी पूर्व फौजियों व उनके अधिनस्थ जनों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधायें मिले। इसके लिये सभी प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि उनके न्यायालय में आने वाले मामलो पर गम्भीरता से सुनवाई कर राहत दी जाती हैं।