नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी आज मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि 31 अक्टूबर हम सबके प्रिय सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती है और हर वर्ष की तरह रन फोर यूनिटी के लिए देश का युवा एकता के लिए दौड़ने को तैयार हो गया है। मेरा आग्रह है कि आप सभी बड़ी संख्या में एकता की इस दौड़ ‘ रन फोर यूनिटी में भाग लें। उन्होंने कहा कि 27 जनवरी 1947 को विश्व की प्रसिद्ध पत्रिका टाइम्स मैग्जीन ने जो संस्करण प्रकाशित किया था, उसके कवर पेज पर सरदार पटेल की फोटो लगी थी। अपनी लीड स्टोरी में उन्होंने भारत का एक नक्शा दिया था और ये वैसा नक्शा नहीं था जैसा हम आज देखते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि ये एक ऐसे भारत का नक्शा था जो कई भागों में बंटा हुआ था। तब 550 से ज्यादा देशी रियासते थीं। भारत को लेकर अंग्रेजों की रूचि खत्म हो चुकी थी, लेकिन वो इस देश को छिन्न-भिन्न करके छोड़ना चाहते थे। टाइम्स मैग्जीन ने लिखा था कि भारत पर विभाजन, हिंसा, खाद्यान्न -संकट, महंगाई और सत्ता की राजनीति जैसे खतरे मंडरा रहे थे। गांधी जी ने सरदार पटेल से कहा कि राज्यों की समस्याएं विकट हैं और केवल आप ही इनका हल निकाल सकते हैं। सरदार पटेल ने सभी रियासतों का भारत में विलय कराया और देश को एकता के सूत्र में पिरोने के असंभव कार्य को पूरा कर दिखाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एकता के बंधन में बंधे इस राष्ट्र को देख कर हम स्वाभाविक रूप से सरदार वल्लभभाई पटेल का पुण्य स्मरण करते हैं। इस 31 अक्टूूर को सरदार पटेल की जयन्ती और भी विशेष होगी। इस दिन सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए हम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर स्थापित इस प्रतिमा की ऊंचाई अमेरिका के स्टैव्यू ऑफ लिवर्टी से दो गुनी है। ये विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। पीएम ने कहा कि कल हमने इंफेंट्री डे मनाया है। मैं उन सभी को नमन करता हूं जो भारतीय सेना का हिस्सा हैं। मैं सैनिकों के परिवार को भी उनके साहस के लिए सलाम करता हूं।
पीएम ने कहा कि आप सभी को याद होगा कि हमने 2017 में फीफा अंडर- 17 विश्व कप का सफल आयोजन किया था। देश के अलग-अलग स्टेडियम में 12 लाख से अधिक लोगों ने फुटबॉल मैचों का आनंद लिया और युवा खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। इस वर्ष भारत को भुवनेश्वर में पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप 2018 के आयोजन का सौभाग्य मिला है। यह 28 नवम्बर से प्रारंभ हो कर 16 दिसम्बर तक चलेगा। खेल के साथ ये ओडिशा दर्शन का भी बड़ा अवसर है।