रुड़की: रुड़की नगर निगम के चुनाव को लेकर अनिश्चितता बरकरार है। रामपुर और पाडली गांव को नगर निगम मे शामिल किए जाने संबंधी 23 जुलाई को आए हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की जल्दी में नहीं है। सरकार सभी पहलुओं पर विचार-मंथन करने के बाद ही इस संबंध में अपना अगला कदम बढ़ाएगी। कहा जा रहा है कि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के आने के बाद सरकार हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती देगी।
बता दें कि 23 जुलाई को नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की उस अधिसूचना को निरस्त कर दिया था। जिसमें सरकार ने रामपुर पाडली को बाहर और साउथ सिविल लाइंस क्षेत्र को रुड़की नगर निगम में शामिल कर दिया था। साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को रुड़की नगर निगम के चुनाव तो माह के भीतर कराए जाने के भी आदेश दिए थे। तब माना जा रहा था कि राज्य सरकार नैनीताल हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एक दो दिन में ही सुप्रीम कोर्ट जाएगी ।लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
कहा जा रहा है कि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक आजकल धार्मिक यात्रा पर गए हुए हैं । यात्रा से लौटने के बाद ही रुड़की नगर निगम को लेकर सरकार अगला कदम उठाएगी।वहीं सुप्रीम कोर्ट में रुड़की नगर निगम के चुनाव से संबंधित एक केविट (अग्रिम पैरवी) डाला गया है यह केविट यशपाल राणा पक्ष की ओर से डाला गया है। ताकि 23 जुलाई के नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ यदि राज्य सरकार कोई याचिका दायर करती है । तो उनका पक्ष भी सुना जाए। रही बात उस याचिका की जिस पर सुप्रीम कोर्ट में 2 जुलाई, 12 जुलाई को आदेश आया था और उसमें शहरी विकास सचिव को पदों के आरक्षण कर की गई प्रक्रिया से अवगत कराने के आदेश हुए थे वह निस्तारित जरूर हुई है। लेकिन उसमें सुप्रीम कोर्ट ने कोई किसी तरह का आदेश राज्य सरकार को जारी नहीं किया है।