नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों से जुड़े कुछ लोगों के ठिकानों पर छापे मारे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने शुक्रवार देर रात रॉबर्ट वाड्रा के दिल्ली के सुखदेव विहार दफ्तर से कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। इसके अलावा ईडी ने बेंगलुरू में भी छापेमारी की है। ये छापे रक्षा सौदे में कुछ लोगों द्वारा कथित रिश्वत लेने के संबंध में मारे गए हैं। अधिकारिक सूत्रों ने रक्षा सौदे के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया। जानकारी के मुताबिक यह कार्रवाई शनिवार सुबह खत्म हुई।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने रक्षा सौदों में कुछ संदिग्धों द्वारा कथित तौर पर कमीशन लिए जाने और विदेशों में अवैध संपत्ति रखने के मामले से जुड़ी अपनी जांच के सिलसिले में ये तलाशी ली। प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पहली बार वाड्रा के सहयोगियों का नाम रक्षा सौदों में कथित तौर पर कमीशन लेने से जोड़ा गया है।
वाड्रा के वकील सुमन ज्योति खेतान ने इन छापों को बदले की राजनीति और दुर्भावनापूर्ण बताया है। खेतान ने कहा कि ‘पांच वर्षों से, वर्तमान सरकार ने मेरे मुवक्किल वाड्रा को डराने, उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का हरसंभव प्रयास किया है। सरकार ने बदनियती और उनकी छवि को बिगाड़ने और उनके परिजनों पर निशाना साधने के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग समेत सभी एजेंसियों का इस्तेमाल किया।’
वाड्रा के वकील के मुताबिक इसी इरादे से जयपुर और दिल्ली के ईडी अधिकारियों ने सुखदेव विहार, दिल्ली के दफ्तरों पर छापा मारा और इसके साथ ही नोएडा स्थित उनके सहयोगी के आवास पर छापा मारा। उन्होंने कहा कि ये छापे पूरी तरह से अवैध तरीके से सुबह से ही मारे जा रहे हैं और किसी भी कर्मचारी को परिसरों में जाने की अनुमति नहीं है।
बता दें कि गत माह नवंबर में ईडी ने राजस्थान के सीमावर्ती शहर बीकानेर में भूमि घोटाले के सिलसिले में धन शोधन की जांच को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को तलब किया था। बीकानेर के स्थानीय तहसीलदार ने इलाके में जमीन आवंटन में कथित फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। इसके बाद राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज कुछ प्राथमिकी और आरोपपत्रों का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2015 में हुए सौदे के संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।