देहरादून: लगता है रोडवेज की बसों से अवैध शराब का खुला खेल खेलने वाले शराब तस्करों के साथ उत्तराखण्ड परिवहन निगम के ड्राइवर और कनेक्टरों को किसी का खौप नही है। यही वजह है कि 2 दिन पहले जहाँ शराब तस्करी के मामले में परिवहन निगम के एमडी ने 2 बसों के चालक और परिचालक को निलंबित कर दिया। वही परिवहन निगम के द्वारा हुई इस कार्रवाई का निगम ड्राइवर और कनेक्टर में किसी तरह का भय नहीं है। यही वजह है कि परिवहन निगम की एक और बस में अवैध शराब पकड़े जाने का मामला सामने आया है।
इस बार कोटद्वार डिपो की बस नम्बर UK 07 PA 3020 में कोटद्वार एजीएम के द्वारा किया गया। अचौक निरीक्षण में 6 बोतल अवैध शराब की बोतलें पकड़ी गई है। बस में पकड़ी गई अवैध शराब पर निगम के एमडी के द्वारा तुरंत एक्शन लिया गया और चालक सुनील मालिक और परिचालक जसविंदर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। बस जयपुर से कोटद्वार के लिए आए रही थी जिस दौरान एजीएम के द्वारा ये अचौक निरीक्षण किया गया ।
इन दिनों परिवहन निगम के द्वारा रोडवेज की बसों में गहनता से चैकिंग की जा रही है जिसमे फरवरी पहले सप्ताह में अब तक 140 बोतल अवैध अंग्रजी शराब की बरामद की गई है।
ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या रोडवेज की बसों में शराब तस्करी के लिए रोडवेज के की कर्मचारी दोषी है जिनकी शय पर शराब तस्कर अवैध शराब के काले कारबार को जमाने के लिए जड़े मजबूत कर चुके है और उनका माध्यम रोडवेज की बसे बन रही है जिसमे आसानी से अवैध शराब ढोई जा रही है। ऐसे में सवाल निगम पर भी उठता है और आबकारी विभाग पर भी। निगम पर इसलिए कि निगम अपनी बसों की इसी तरह क्यों नियमित चैंकिंग नहीं करता है और अगर करता तो इस तरह शराब को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए रोडवेज के बसों के ड्राईवर और कनेक्टर के हौसले बुलंद न होते। आबकारी विभाग पर सवाल इस लिए उठता है कि एक तरह जहाँ आबकारी विभाग को जो राजस्व वसूली का लक्ष्य मिला हुआ है उस तक पहुंचना विभाग के लिये टेढ़ी खीर साबित हो रहा है और दूसरे प्रदेशों से खुले आम उत्तराखण्ड में शराब की तस्करी की जा रही है और विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
ऐसे में जीरो टायलेन्स की सरकार को सुध लेनी होगी कि रोडवेज की बसों से को शराब सप्लाई जार रहे है और कौन – कौन इसके पीछे है,क्योंकि मात्र अवैध शराब की इस तस्करी के पीछे मात्र ड्राइवर और कनेक्टर नही हो सकते है,इसके पीछे कोई बड़ी लॉबी काम कर रही है जिन पर कार्रवाई होना बेहद जरूरी है,नही तो देव भूमि में इसी तरह अवैध शराब का खुला खेल चलता रहेगा ।