ऋषिकेश: अक्सर किसी अति विशिष्ट मेहमान के दौरे के समय ही स्थान विशेष की साज-सज्जा व व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाता रहा है। वहीँ स्वीडन के राजा-रानी के दौरे के मद्देनजर ऋषिकेश के गंगा किनारे भी स्वच्छता व साज-सज्जा की गई। लेकिन यहाँ एक बच्ची ने आम दिनों में फैली अव्यस्थाओं की पोल खोल दी। इससे पहले भी कई मौकों पर अति विशिष्ट मेहमान के दौरे के समय व्यवस्थाओं को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मीम्स वायरल होते रहे हैं। लोगों की प्रतिक्रियाएं आई कि, हर माह किसी-न-किसी अति विशिष्ट मेहमानों को यहाँ आना चाहिए, जिससे यहाँ की सड़कें, स्वच्छता आदि दुरुस्त होती रहे और आम जन को भी इसका लाभ मिल पाए।
बता दें कि, स्वीडन के राजा कार्ल 16वें गुस्ताफ और रानी सिल्विया 5 दिवसीय भारत दौरे पर हैं। इन दिनों वे उत्तराखंड की सैर कर रहे हैं। वहीं आज शाही जोड़ा ऋषिकेश के गंगा किनारे सैर करने पहुंचे तभी अति विशिष्ट मेहमानों के सामने पर्यावरण प्रेमी एक बच्ची ने सरकारी तंत्र के प्रयासों की कलई खोल दी। पर्यावरण प्रेमी रिद्धिमा पांडेय ने उन्हें स्पष्ट बताया कि गंगा के ये जो घाट चमक रहे हैं, वह सिर्फ आपके आगमन से चमके हैं। एक दिन पहले गंगा घाट और उसके आसपास के क्षेत्रों का रंगरोगन और सफाई करवाई गई है। वरना ये घाट गंदे पड़े रहते हैं। उन्होंने बताया कि गंगा का जल जैसा दिख रहा है वास्तव में वह मौलिक स्वरूप नहीं है। लाख कोशिशों के बावजूद आज भी सीवरेज का गंदगी गंगा में गिर रही है। जागरुकता के अभाव में लोग नमामि गंगे अभियान का अटूट हिस्सा नहीं बन पा रहे हैं। दूसरी ओर जिम्मेदार आश्रम और सरकारी मशीनरी भी गंगा स्वच्छता के प्रति गैर जिम्मेदार हैं। इस दौरान वहां खड़े अधिकारी उसकी बाते सुनकर सन्न रह गए। वे इस बारे में शाही दंपति के सामने कुछ कह भी नहीं पाए।
इस दौरान राजा कार्ल 16वें गुस्ताफ से मुलाकात करने वाले बच्चों में रिद्धिमा के अलावा, शुभ, पल्लवी और वंशिका शामिल रहे।