नए वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। आरबीआई ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। इस कटौती के बाद बैंकों के लिए अपने कर्ज सस्ता करना का रास्ता साफ हो गया है। आरबीआई ने रेपो रेट 6.25 फीसदी से घटाकर 6.0 फीसदी कर दिया है। इस कदम से नए कर्ज के साथ-साथ फ्लोटिंग रेट पर कर्ज लेने वाले ग्राहकों के लिए कर्ज सस्ता हो जाएगा। साथ ही आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ग्रोथ अनुमान में कटौती कर दी है। उसके अनुसार इस अवधि में जीडीपी ग्रोथ रेट पहले के अनुमान 7.2 फीसदी की जगह अब 7.0 फीसदी रह सकती है।
लगातार दूसरी बार घटा रेपो रेट
आरबीआई ने इससे पहले फरवरी में मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा करते हुए इसे 6.50 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया था। हालांकि उसके पहले तीन बार से अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में तत्कालीन आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। उनके इस्तीफे के बाद शक्तिकांत को दास को आरबीआई गवर्नर बनाया गया, जिसके बाद उनके द्वारा पेश की गई दोनो नीति में रेपो रेट में कटौती की गई है।
जानें कैसे मिलेगा आपको फायदा
आरबीआई रेपो रेट में कटौती का फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनका होम लोन या ऑटो लोन चल रहा है। दरअसल, रेपो रेट कटौती के बाद बैंकों पर होम या ऑटो लोन पर ब्याज दर कम करने का दबाव बनेगा। आरबीआई के नए नियमों के बाद बैंकों को रेपो रेट कटौती का फायदा आम लोगों को देना ही होगा। ऐसे में अगर आपका होम या ऑटो लोन चल रहा है तो उसकी ईएमआई कम हो जाएगी।