रुद्रप्रयाग: जीरो टोलरेन्स की बात करने वाली सरकार के अधिकारी व कर्मचारी किस तरह सरकार की साख पर बट्टा लगा रहे हैं, ये आज हम आपको बताते हैं। जनपद के रतनपुर में प्रस्तावित औद्यानिकी एंव वानिकी विश्वविद्यालय के नाम पर यहां जमीन का बडा फर्जीवाडा सामने आया है। बिना काश्तकार को सूचित किये उसकी जमीन की रजिस्ट्री कर दी गयी है और जिलाधिकारी भी इसे अपने आदेशों में स्वीकार चुके हैं, लेकिन अभी तक भी ना तो दोषियों पर कार्यवाही की गयी है और ना ही वर्ष 2016 से अभी तक प्रभावित काश्तकार को जमीन वापस दी गयी है।
मामला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय का है, जब तत्कालीन कृषी मंत्री द्वारा रतनपुर में औद्यानिकी एवं वानिकी विश्व विद्यालय खेालने की घोषणा की गयी थी और काश्तकारों ने अपनी जमीन को दान देकर रजिस्ट्री भी करवाई थी। पूरे मामले में बडा खुलासा तब हुआ जब सरकारी अफसरों व मंत्री, मुख्यमंत्रियों के चक्कर काट कर पीडित परिवार मीडिया के सामने आया। प्रभावित का आरोप है कि, तत्कालीन राजस्व के अधिकारियों ने उसके ही भाई से मिलकर उसकी जमीन की रजिस्ट्री कर दी और वर्ष 2016 से अपनी जमीन पाने के लिए वह अब सरकारी अफसरों के चक्कर काट रहा है। बडी बात यह है कि फर्जी जमीन रजिस्ट्री की बात को स्वयं जिलाधिकारी भी स्वीकार रहे हैं। वहीं मामले में जिलाधिकारी को पता ही नहीं है कि आखिर जमीन की रजिस्ट्री किस विभाग के नाम हुई है।
उधर स्थानीय विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि, डीएम के आदेशों में फर्जीवाडा स्पष्ट दिख रहा है। ऐसे में दोषीयों के खिलाफ कडी कार्यवाही होनी चाहिए।
मामले में अब देखना होगा कि, सरकार व जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी क्या निर्णय लेते हैं, जिससे कि प्रभावित को उसकी जमीन मिल जाय और दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कडी कार्यवाही हो सके, जिससे सरकारी नुमाइंदों को सबक मिल सके।