नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक की खिंचाई की है। कोर्ट ने ने उसके 2015 के ऑर्डर को न मानने को बहुत गंभीरता से लिया है। रिजर्व बैंक को उसके बैंक के इंस्पेक्शन रिकॉर्ड की जानकारी को आरटीआई के तहत देने के लिए कहा गया था। अगर इस आदेश के पालन में देरी हुई तो सुप्रीम कोर्ट इसे बहुत गंभीरता से लेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिजर्व बैंक आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई जैसे बैंक की वार्षिक जांच रिपोर्ट की जानकारी देने से मना नहीं कर सकता है। अगर मना किया तो ये कोर्ट की अवमानना होगा। ये फैसला एल नागेश्वर राव और जस्टिस एमआर शाह की बैंच ने दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक से उसकी नॉन डिस्क्लोजर पॉलिसी को वापस लेने के लिए कहा है। ये पॉलिसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले और सीआईसी ने भी इस बारे में निर्देश जारी किए हैं। ये फैसला आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष चंद्र अग्रवाल और गिरिश मित्तल की अर्जी पर आया है। सुप्रीम कोर्ट के रिजर्व बैंक पर आदेश से पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है।