देहरादून: उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी एवं सदस्य शारदा त्रिपाठी और सीमा डोरा द्वारा विभिन्न मामलों में सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान दून वैली पब्लिक स्कूल, जिसके द्वारा पीड़िता जीआरडी दून वर्ल्ड स्कूल को प्रवेश देने से मना किया गया था, आयोग द्वारा तलब किए जाने पर दून वैली स्कूल के प्रधानाचार्य उपस्थित हुए। इस दौरान स्कूल द्वारा भविष्य में इस प्रकार की गलती न दोहराई जाने के आश्वासन गया।
आयोग द्वारा प्रधानाचार्य को निर्देश दिए गए कि, अनाथ आश्रम में किसी भी जरूरतमंद बालिका की शिक्षा स्कूल द्वारा निशुल्क कराई जाए, यही उनके लिए दंडनीय होगा। अनाथ आश्रम से किसी भी बालिका को आवश्यकता अनुसार आयोग द्वारा चयन करते हुए उक्त विद्यालय में भेजा जायेगा, जहाँ बालिका को निशुल्क शिक्षा देना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा इंडियन अकैडमी स्कूल, हिमालयन अकैडमी, दून इंटरनेशनल स्कूल, सत्यार्थ अकैडमी सेलाकुई, बीएसएम कॉलेज पॉलिटेक्निक रुड़की हरिद्वार से संबंधित विभिन्न शिकायतों पर सुनवाई की गई।