नई दिल्ली: जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के 46वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रंजन गोगोई को सीजेआई पद की शपथ दिलाई। बता दें कि जस्टिस गोगोई का कार्यकाल 13 महीने का होगा। इसके साथ ही वो पूर्वोत्तर से इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले चीफ जस्टिस बन गये हैं। बता दें कि जस्टिस रंजन गोगोई ने पूर्व जस्टिस दीपक मिश्रा की जगह ली है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 28 फरवरी,साल 2001 में बतौर जज गुवाहटी हाईकोर्ट से अपने करियर की शुरूवात की थी।
वहीं चीफ जस्टिस बनने के बाद जस्टिस रंजन गोगोई के सामने अयोध्या मामले का निपटाना करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा लंबित मामलों का निपटारा भी जस्टिस गोगोई के लिए बड़ी चुनौती होगी।
जानिये कौन हैं जस्टिस रंजन गोगोई?
जस्टिस रंजन गोगोई असम से ताल्लुक रखते हैं और फिलहाल चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद सुप्रीम कोर्ट में सबसे सीनियर हैं। जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल रहे हैं, जिन्होंने 12 जनवरी 2018 को एक अप्रत्याशित प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के कामकाज के तरीके और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए गए थे।
जस्टिस गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ था। 1978 में वकालत शुरू करने वाले जस्टिस गोगोई को 28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाई कोर्ट का जज बनाया गया था। इसके 9 साल बाद 9 सितंबर 2010 को उनका ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में हुआ।
12 फरवरी 2011 को जस्टिस गोगोई पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने। 23 अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट में आए।