अल्मोड़ा: रानीखेत में भारत और अमेरिकी सैनिकों ने किसी आतंकवादी घटना से निपटने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में संयुक्त अभ्यास किया। खड़ी चट्टानों के ऊपर कब्ज़ा किये आतंकवादियों पर किस तरह काबू पाया जाए, ये भारतीय सैनिकों ने अमेरिका से आए 350 प्रशिक्षित फौजियों को सिखाया। वहीँ अपने हाईटैक उपकरणों के लिए मशहूर अमेरिकी फ़ौज ने भी भारतीय फ़ौज को आधुनिक तकनीक से रु-ब-रु कराया। फौजियों ने तीखी चट्टान में रस्सियों के बल लटककर अपने साहस और कला का सुन्दर नमूना पेश किया।
आज सवेरे से ही भारतीय और अमेरिकी फौजी सड़कों पर मार्च करते दिखे। ये सब 15 गढ़वाल रेजिमेंट के माउंटेन क्लाइम्बिंग एरिया की तरफ कूच कर रहे थे। यहाँ शुरू हुआ वो प्रशिक्षण जिसमें भारत वर्षों से जूझते हुए अब निपुण हो चुका है, यानि आतंकवादी वारदात से निपटना। रविवार से शुरू हुए इण्डो-यूएस संयुक्त सैन्य अभ्यास का आयोजन अल्मोड़ा जिले के रानीखेत स्थित चैबटिया आर्मी एरिया में चला।
ये युद्धाभ्यास 29 सितम्बर तक चलेगा जिसमें वैश्विक और घरेलू आतंकवाद से निपटने के लिए दोनों देश अपने अनुभव और तैयारी साझा कर रहे हैं। हिंदुस्तान के बाद आतंकवाद से जूझते अमेरिका ने काउंटर आतंकवाद और काउंटर विद्रोह की थीम पर युद्धाभ्यास शुरू किया। इसमें भारत और यूएस रक्षा सहयोग के हिस्से के रूप में संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण युद्धाभ्यास का यह 14वां संस्करण है। दोनों देशों की सेनाएं वैश्विक और घरेलू आतंकवाद पर काबू पाने के लिए अपनी कोशिशों को पंख लगा रही हैं। दोनों ही फौजों के उच्चाधिकारी इस एक्सरसाइज से संतुष्ट दिखे।