नई दिल्ली: हत्या और बलात्कार के मामले में जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। दत्तक पुत्री गुरंश ने अपनी शादी में गुरमीत राम रहीम के शामिल होने के लिए हाई कोर्ट से चार सप्ताह की परोल पर जमानत मांगी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। हालांकि बेंच ने कहा कि वह जेल प्रशासन से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था करने की मांग कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस कुलदीप सिंह ने कहा कि वह (दत्तक पुत्री गुरंश) जेल अधिकारियों से अनुरोध कर सकती है कि वे वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राम रहीम को शादी समारोह में शामिल होने की व्यवस्था कर दें। खंडपीठ ने कहा कि यदि ऐसा अनुरोध किया गया है तो संबंधित अधिकारियों के कानून के अनुसार निर्णय लेने पर निर्भर करता है।याचिका खारिज करते हुए जस्टिस कुलदीप सिंह ने कहा, ‘कोर्ट अगर एक बार राम रहीम को परोल पर जमानत देने से इनकार कर चुका है तो बार-बार वैसी ही याचिका के आधार पर राम रहीम को परोल पर जमानत नहीं दी जा सकती है।’ जस्टिस कुलदीप सिंह ने कहा कि राम रहीम की दत्तक पुत्रियों की संख्या भविष्य में बढ़ सकती है और ऐसे में इस मामले में अदालत का वक्त जाया होगा।
जस्टिस कुलदीप सिंह ने कहा कि राम रहीम को परोल पर जमानत देने का ये आधार सही नहीं है। बेंच ने यह भी पाया कि ऐसे सबूत नहीं हैं कि गुरंश को डेरा प्रमुख द्वारा गोद लिए जाने की बात साबित हो। लिहाजा कोर्ट ने राम रहीम के खिलाफ गंभीर मामलों को देखते हुए परोल की याचिका खारिज कर दी। सीबीआई ने भी सवाल उठाया था कि अगर डेरा प्रमुख के गुरंश के दत्तक पिता होने की बात को मान भी ली जाए तो भी इस विवाह के लिए उसकी उपस्थिति जरूरी नहीं है, क्योंकि इस विवाह के कार्ड बांटे जा चुके हैं और अन्य सभी तैयारियां की जा चुकीं हैं।