नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए शिवसेना ने भाजपा पर दबाव बनाने का अपना सिलसिला जारी रखा है। शिवसेना ने कहा कि जिस तरह से तीन तलाब और एससरएसटी एक्ट को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की जरूरत है। भाजपा की सहयोगी पार्टी ने कहा कि केंद्र और राज्य में दोनों जगह भगवा पार्टी की सरकार है ऐसे में मंदिर निर्माण में कोई परेशानी नहीं होगी। शिवसेना नेता एवं प्रवक्ता संजय राउत ने सोमवार को कहा, हमारी मांग है कि जिस तरह से आपने तीन तलाक पर कानून बनाया और एससी-एसटी एक्ट में संशोधन लेकर आए उसी तरह से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लेकर आइए।
शिवसेना ने कहा कि लोकसभा में आपका बहुमत है और उत्तर प्रदेश में आपकी सरकार है। अध्यादेश पर हस्ताक्षर के लिए हमारे राष्ट्रपति हैं। इसलिए बातें करने की जगह आप अध्यादेश लेकर आइए। बता दें कुछ दिनों पहले संजय राउत ने अयोध्या का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने यही बात कही थी। शिवसेना कुछ समय से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की अपनी मांग को लेकर मुखर हुई है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की योजना भी अयोध्या जाने की है। समझा जाता है कि उद्धव दशहरा के बाद अयोध्या जा सकते हैं। शिवसेना ने अब चलो अयोध्या, चलो काशी का नारा दिया है।
इससे पहले संजय राउत कह चुके हैं कि राम जन्मभूमि निर्माण के मुख्य महंत व्यास जी उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर चुके हैं और उन्होंने कहा है कि सिर्फ शिवसेना ही मंदिर का निर्माण करा सकती है। शिवसेना के समर्पण को देश और दुनिया ने देखा है। हम लोग अयोध्या जाने के बारे में सोच रहे हैं। यदि राम मंदिर का निर्माण अब नहीं हुआ तो वो कभी नहीं बनेगा।
सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर से राम मंदिर के टाइटिल सूट पर दोबारा सुनवाई शुरू करेगा। इसके पहले राम मंदिर विवाद से जुड़े एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट अपना ऐतिहासिक फैसला सुना चुका है। 1994 के अपने इस फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा था कि नमाज पढ़ना मस्जिद का अभिन्न हिस्सा नहीं है जिसे मुस्लिम पक्षकारों ने चुनौती देते हुए इसे संवैधानिक पीठ को भेजने की मांग की थी लेकिन शीर्ष न्यायालय ने उनकी यह मांग ठुकरा दी।