नैनीताल: हाईकोर्ट के छह अधिवक्ताओं को सीनियर अधिवक्ता का दर्जा मिला है। रजिस्ट्रार जनरल हीरा सिंह बोनाल ने इसकी अधिसूचना जारी की। वरिष्ठता के लिए कुल 18 अधिवक्ताओं ने आवेदन किया था।
इनमें भारत सरकार के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राकेश थपलियाल, पूर्व मुख्य स्थायी अधिवक्ता केपी उपाध्याय, महावीर त्यागी, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डीएस पाटनी, हाईकोर्ट में राज्य सरकार के शासकीय अधिवक्ता गजेंद्र सिंह संधू तथा एसके पोस्ती शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशानुसार दिसंबर से यह प्रक्रिया शुरू हुई। इसके तहत न्यूनतम दस साल से हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ताओं से आवेदन मांगे गए थे। आवेदन के साथ वकालत के दौरान के मामलों से संबंधित ब्यौरा देना था। इसमें कुल लड़े मुकदमे, पंजीकृत मुकदमे, आय, गरीब वादकारी के लड़े मुकदमे आदि ब्यौरा प्रमुख था। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले कोलेजियम में दो सीनियर न्यायाधीश, महाधिवक्ता व सीनियर अधिवक्ता शामिल थे। कोलेजियम की संस्तुति के बाद गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली फुल कोर्ट ने सूची को अंतिम रूप दिया।
बता दें कि, असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल थपलियाल मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के हैं। वह पूर्व में एडिशनल एडवोकेट जनरल भी रह चुके हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में 1989 से प्रैक्टिस करते थे। राज्य बनने के बाद नैनीताल हाईकोर्ट आ गए। इस समय उनके अधीन भारत सरकार के 35 अधिक्वक्ता कार्य कर रहे हैं। 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के समय भारत सरकार की ओर से विशेष अधिवक्ता नियुक्त किए गये थे। वर्तमान में वह सिडकुल, ओएनजीसी, उत्तराखंड जल संस्थान सहित भारत सरकार के कई महत्वपूर्ण मामलों में अधिवक्ता हैं।
वहीँ पूर्व सीएससी उपाध्याय गंगोलीहाट जिला पिथौरागढ़ के निवासी हैं। वह 25 साल से प्रैक्टिस कर रहे हैं। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट से प्रैक्टिस शुरू की।