नई दिल्ली: सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर तीन करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप लगाने वाले सतीश साना ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सीबीआई ने सना को समन भी जारी किया है। सना ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की गुहार लगाई है। सतीश साना से सीबीआई हवाला और मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से संबंधों और लेन-देन के मामले की जांच कर रही है। यह जांच राकेश अस्थाना के नेतृत्व वाली एसआइटी कर रही थी। इस बीच सना ने तीन करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप लगाया तो सीबीआई में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ। जिसके बाद राकेश अस्थाना ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा पर इस केस में दो करोड़ रुपये लेने के आरोप लगाए तो घमासान और तेज हो गया।
बता दें कि सीबीआई में छिड़ी जंग के बीच कोर्ट ने सीवीसी को दो हफ्ते में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच जंग जब सार्वजनिक हो गई और आरोप-प्रत्यारोप खुलकर सामने आ गये, तब आनन-फानन में केंद्र सरकार ने दोनों सीबीआई की टॉफ अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया और एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त कर दिया। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के निदेशक आलोक कुमार वर्मा के अधिकार वापस लेकर उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ उनकी याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीवीसी जांच के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर कोई नीतिगत फैसला नहीं लेंगे। वह सिर्फ रूटिन काम ही करेंगे। दरअसल, आलोक वर्मा ने अपनी याचिका में केंद्र की ओर से उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने तथा अंतरिम प्रभार 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के ओडिशा कैडर के अधिकारी तथा एजेंसी के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को सौंपे जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल एवं न्यायमूर्ति के.एम जोसेफ की पीठ वर्मा की याचिका पर सुनवाई की। एक गैर सरकारी संगठन कामन कॉज ने भी गुरुवार को याचिका दायर कर जांच एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की।