नई दिल्ली: एनडीए आखिरकार राज्यसभा में भी पांच जुलाई से बहुमत के करीब पहुंच जाएगा। चार टीडीपी (तेलुगू देसम पार्टी) एक आइएनएलडी (इंडियन नेशनल लोकदल) के राज्यसभा सांसदों के भाजपा में शामिल होने और गठबंधन के चार नए सांसदों के कारण एनडीए राज्यसभा में बहुमत के करीब पहुंचने जा रहा है। राज्यसभा की खाली हुई 6 सीटों पर 5 जुलाई को होगा उप-चुनाव है। राज्यसभा में कुल 245 सांसद होते हैं। ऐसे में इस हिसाब एनडीए को 123 की संख्या तक पहुंचने के लिए आठ और सांसद चाहिए।
राज्यसभा की इस तस्वीर से एनडीए अपने पहले कार्यकाल की तुलना में संसद के दोनों सदनों में और मजबूत होने जा रही है। इससे मोदी सरकार को विधेयकों को पास कराने में विपक्ष की ओर बार बार नहीं देखना पड़ेगा। अभी तक कई विधेयक बहुमत न होने के कारण राज्यसभा में अटक चुके हैं। लेकिन पांच जुलाई के बाद शायद ये स्थिति एनडीए के सामने न आए। फिलहाल 235 सदस्यों वाली राज्यसभा में रविवार से एनडीए के 111 सांसद हो गए और पांच जुलाई को यह आंकड़ा 115 पहुंच जाएगा। फ़िलहाल 241 सदस्यों वाली राज्यसभा में 115 का आंकड़ा आधे से सिर्फ छह कम होगा।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद गुजरात से खाली हुई राज्यसभा की दो सीटें भी इसमें शामिल हैं। इसके अलावा बिहार से रविशंकर प्रसाद की सीट भी खाली हुई है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक, बिहार, ओडिशा और गुजरात से रिक्त हुई छह सीटों पर उपचुनाव होगा। इनमें से बिहार से एक, गुजरात से दो और ओडिशा से तीन सीट रिक्त हुई हैं।
गौरतलब है कि उच्च सदन में शाह और ईरानी का कार्यकाल 18 अगस्त 2023 तक तथा प्रसाद का कार्यकाल दो अप्रैल 2024 तक था। वहीं पिछले साल अप्रैल में बीजद के राज्यसभा सदस्य बने पटनायक ने गत छह जून को उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।