देहरादून: विकास पुरूष नारायण दत्त तिवारी रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। स्व. तिवारी का अन्तिम संस्कार चित्रशिला घाट रानीबाग मे किया गया। उनकी शव यात्रा में विभिन्न राजनैतिक दलों, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों केे अलावा उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश से आये लोगों ने सर्किट हाउस पहुंचकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पमाला अर्पित करते हुए उन्हें श्रदांजलि दी। सर्किट हाउस से चित्रशिला घाट तक शव यात्रा आयोजित हुई। चित्रशिला घाट पर उनके पुत्र रोहित शेखर तिवारी द्वारा मुखाग्नि दी गई।
घाट पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल, केन्द्रीय कपडा राज्यमंत्री अजय टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, भगत सिह कोश्यारी, वित्तमंत्री प्रकाश पंत, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, सहकारिता मंत्री धनसिह रावत, महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा अजय भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अलावा मौजूद विधायकों के साथ ही नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिह कुंजवाल तथा अन्य गणमान्य लोगों ने श्रदांजलि अर्पित की। स्व. तिवारी का अन्तिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने नारायण दत्त तिवारी को श्रद्वासुमन अर्पित करते हुये कहा कि, वे दलगत राजनिती से ऊपर उठकर कार्य करते थे। उनके विकास कार्यो के लिए उनको युगों-युगों तक याद किया जायेगा। स्व. तिवारी द्वारा प्रदेश मे जो विकास कार्य किये गये हैं, उनको वर्तमान सरकार और आगे तक लेकर जायेगी। उन्होने कहा कि, स्व. तिवारी एक सर्वमान्य नेता के साथ ही राजनीति के भीष्म पितामह के रूप मे हमेशा याद कियेे जायेंगें।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने कहा कि, स्व. तिवारी राजनैतिक गुरू थे, उनके निधन से प्रदेश, राष्ट्र व समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में सम्भव नही है।
स्व. तिवारी का पार्थिव शरीर प्रातः 9 बजे आम जनता के दर्शनार्थ सर्किट हाउस मे रखा गया। गमगीन माहौल में हर कोई स्व. तिवारी के विकास कार्यो, उनके व्यवहार, उनके विकास के लिए किये गये कार्यो की चर्चा कर रहे थे।