राजस्थान: राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब तक उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर दी हैं। दोनों लिस्टें बेहद खास हैं। इसलिए नहीं कि इसमें कुछ खास चेहरों को टिकट दिया गया है। बल्कि इसलिए कि दोंनो ही लिस्टों में किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया गया है। पार्टी में वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले युनुस खान को बड़ा नेता माना जाता है। दोनों ही लिस्टों में उनका नाम भी गायब है।
भाजपा ने अपने दूसरे बड़े नेता और पांच बार के विधायक हबीबुर्रहमान को भी टिकट नहीं दिया, जिससे नाराज हबीबुर्रहमान ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। जिस तरह से भाजपा ने एक भी मुस्लिम चेहरे को लिस्ट में जगह नहीं दी है, उसके बाद एक बार फिर से कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी हाईकमान हिंदुत्व के एजेंडे पर चल रहा है। हालांकि दूसरी जो लिस्ट जारी की गई है उसमे पार्टी के हार्डकोर हिंदुत्ववादी वाले नेताओं की जमीन काफी हद तक खिसक गई है।
राजस्थान में भाजपा के हिंदुत्व के चेहरे माने जाने वाले रामगढ़ विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी ने किनारे कर दिया है और उन्हें शुरुआती दोनों ही लिस्ट में जगह नहीं दी गई है। बांसवाणा से पार्टी के विधायक धन सिंह रावत को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। ऐसे में इन अहम चेहरों को टिकट नहीं देकर पार्टी ने कुछ हद तक अपनी मंशा साफ कर दी है कि वह इस बार विवादित चेहरों को टिकट नहीं देगी। लेकिन एक भी मुस्लिम नेता को टिकट नहीं देकर पार्टी विपक्षी दलों के निशाने पर है।
रामगढ़ के अलवर में गो हत्या, गो रक्षकों की गुंडागर्जी और मॉब लिंचिंग की कई खबरें सामने आई थी, जिसमें ज्ञानदेव आहूजा अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहे, जिसकी वजह से उन्हें पार्टी ने किनारे लगा दिया है। बहरहाल मुस्लिम विहीन चेहरे के बिना भाजपा किस तरह से सत्ता में फिर से वापसी करती है यह देखने वाली बात होगी। आपको बता दें कि राजस्थान में 7 दिसंबर को चुनाव होना है।