नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव लड़ने से रोकने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग वारी अर्जी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई। अर्जी में आरोप है कि राहुल गांधी ने एक कंपनी में खुद को ‘ब्रिटेन’ का नागरिक घोषित किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि राहुल की नागरिकता पर दायर अर्जी में उसे कोई ‘मेरिट’ नजर नहीं आई। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाए हैं।
राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता पर सवाल उठाते हुए जय भगवान गोयल और चंद्र प्रकाश त्यागी ने अर्जी दाखिल की थी। दोनों ने अपनी अर्जी में कहा कि ‘चूंकि राहुल गांधी ने खुद को ब्रिटेन का नागरिक घोषित किया है तो ऐसे में वह भारतीय नागरिक होने के अधिकारी नहीं हैं। इसलिए उन्हें चुनाव लड़ने और एक पंजीकृत पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहने से रोका जाना चाहिए।’ अर्जी में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई से इस मामले की तत्काल सुनवाई करने की मांग की गई थी जिस पर सीजेआई ने कोई आदेश नहीं दिया।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि राहुल गांधी ने बैकॉप्स लिमिटेड नाम से एक कंपनी बनाई और इस कंपनी में उन्होंने अपना पता ब्रिटेन के नागरिक के रूप में दिया। स्वामी का कहना है कि इस कंपनी में कांग्रेस अध्यक्ष के 65 प्रतिशत शेयर हैं। कांग्रेस ने स्वामी के आरोप को यह कहते हुए खारिज किया कि राहुल ने गलती से अपनी नागरिकता ब्रिटेन की बताई।
इससे पहले वायनाड से एनडीए उम्मीदवार तुसार वेल्लापल्ली ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनीव अरोड़ा को पत्र लिखकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन की समीक्षा करने की मांग की थी। सीईसी को लिए पत्र में तुसार ने लिखा है कि राहुल गांधी भारत में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं क्योंकि उनके पास डुअल पासपोर्ट है और वे भारत के नागरिक नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता का सवाल पहले भी उठ चुका है और उन्होंने इस मुद्दे पर उस समय जोरदार तरीके से बचाव किया था, जब इसे संसद की आचार समिति के समक्ष उठाया गया था। वर्ष 2016 में इस मामले को संसद की आचार समिति में उठाया गया था। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पार्टी से इस मसले पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की थी।