देहरादून: जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि, अभी कुछ दिन पहले यानि इसी माह अक्टूबर 2018 को पूर्व मुख्यमन्त्री भगत सिंह कोश्यारी व पूर्व मुख्यमन्त्री विजय बहुगुणा द्वारा सार्वजनिक तौर पर मा0 न्यायालय द्वारा जनहित में पारित निर्णयों की आलोचना/अवमानना की थी, जो कि न्यायपालिका के साथ-साथ आवाम के लिए बहुत बड़ा आघात है। इन दो पूर्व मुख्यमन्त्रियों द्वारा मा0 न्यायालय पर लक्ष्मण रेखा लांघने व कार्यपालिका के क्षेत्र में हस्तक्षेप/दखल जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर न्यायपालिका/लोकतन्त्र का अपमान करने को लेकर मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पीन्नी द्वारा मा0 मुख्य न्यायाधीश, मा0 उच्च न्यायालय नैनीताल को पत्र रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से प्रेषित किया है।
नेगी ने कहा कि, न्यायपिलका द्वारा जिस प्रकार से प्रदेश हित/जनहित में एक के बाद एक फैसले लिए जा रहे हैं, उनका प्रदेश की जनता स्वागत करती है, क्योंकि प्रदेश में कानून व्यवस्था सब समाप्त हो चुकी है।
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि, प्रदेश में दिन दहाड़े चोरी-डकैती, महिलाओं का दिन के उजाले में घर से निकलना दूभर, सरकार का भ्रष्टाचार, 108 जैसी जीवनदायिनी एम्बुलेन्स सेवा की हालत लचर होना, प्रसव पीड़ित महिला का चिकित्सा व्यवस्था के अभाव में दम तोड़ना, आम-आदमी को शासन-प्रशासन से न्याय न मिलना, घायलों को रेस्क्यू पानी के टबो से करना, प्रदेश के मुख्यमंत्री का शराब/खनन माफियाओं के हाथों में खेलना, सफाई व्यवस्था चौपट होना, विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा, पद होने के बावजूद भर्ती न करना इत्यादि मामलों में सरकार का फेल होना इस बात को दर्शाता है कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है।
पूर्व मुख्यमन्त्रियों द्वारा जनता के हितों में दिलचस्पी न रखकर पार्टी/सरकार के हितों में ज्यादा दिलचस्पी दिख रही है, जो कि आवाम के लिए घातक है। ऐसे समय में, जबकि सरकार फेल हो चुकी हो, मा0 न्यायालय अपने कर्तव्यों का निर्वहन तत्परता एवं निष्पक्षता से कर रहा हो, स्वागत किये जाने योग्य है।
नेगी ने कहा कि, इन दो पूर्व मुख्यमन्त्रियों द्वारा मा0 न्यायालय की शान में की गयी गुस्ताखी के खिलाफ अवमानना, इत्यादि जैसी कार्यवाही हेतु मा0 मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया गया है।