नई दिल्ली : राफेल डील को लेकर मचे बवाल के बीच अंग्रेगी अखबार ‘द हिंदू’ ने राफेल डील पर एक और बड़ा खुलासा किया है। इस खुलासे से मोदी सरकार के उस दावे की हवा निकलती दिख रही है, जिसमें ये कहा जा रहा था कि मोदी सरकार द्वारा किया गया सौदा यूपीए से बेहतर है। रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने माना था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जो सौदा किया है, वह यूपीए से बेहतर नहीं है। इन अधिकारियों ने इस डील का सख्त विरोध भी किया था। ये तीनों अधिकारी फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट से बातचीत करने वाली टीम में शामिल थे।
अंग्रेजी अखबार के मुताबिक भारतीय निगोशिएशन टीम (आईएनटी) में सात लोग शामिल थे, जिनमें से तीन वरिष्ठ अधिकारियों का मानना था कि उड़तु हालत यानी फ्लाइवे कंडीशन में 36 राफेल विमान खरीदने का मोदी सरकार का फैसला यूपीए सरकार द्वारा दसॉल्ट एविएशन से 126 विमान खरीद के प्रस्ताव से बेहतर शर्तों पर नहीं था। इतना ही नहीं इन अधिकारियों ने यह भी माना था कि विमान का आपूर्ति समय भी यूपीए सरकार के दौरान मिले प्रस्ताव से ज्यादा है।
इससे यह साफ हो जाता है कि मोदी सरकार के वो दावे झूठे हैं जिसमें कहा गया था कि यह सौदा सस्ता है और इसकी अपूर्ति की प्रक्रिया पहले से तेज है। इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने ट्वीट में लीखा है कि मोदी सरकार के वह दोनों दावों की धज्जियां उड़ गई हैं, जिसमें कहा गया था कि यह सौदा पहले से सस्ता और प्रक्रिया में तेज है