अमेठी: राफेल डील को लेकर सियासी पारी बढ़ता ही जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी पहुंचे थे, जहां उन्होंने पीएम मोदी पर अपने जुबानी हमले जारी रखे। इस बीच राहुल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के एक कार्यक्रम में पहुंच गए, जहां उनकी भिड़ंत कांग्रेस कार्यकर्ताओं से हो गई। गनीमत रही कि वहां काफी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी। वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
डील पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार आक्रामक होते जा रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे वार कर रहे हैं। पीएम मोदी पर कांग्रेस अध्यक्ष के लगातार हमले का असर मंगलवार को उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी में भी देखने को मिला। पीएम मोदी पर राहुल गांधी के तीखे हमले से गुस्साए भाजपा कार्यकर्ताओं की कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो गई। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने हालात को किसी तरह से काबू में कर लिया।
कांग्रेस अध्यक्षएक बैठक के लिए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे थे। राहुल के यहां मौजूद होने की खबर पाकर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता भी यहां जमा हो गए और राहुल के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता भी मौजूद थे। थोड़ी ही देर में दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष शुरू हो गया। इसी दौरान कार्यालय के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों ने हालात को संभाला। पुलिसकर्मियों ने स्थिति नियंत्रण में नहीं की होती तो यहां बड़ा हादसा हो सकता था।
राहुल ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के कार्यों में राफेल, ललित मोदी, नोटबंदी, विजय माल्या और गब्बर सिंह टैक्स शामिल हैं। इन कार्यों में समानता चोरी का है। एक-एक कर हम दिखाएंगे कि ये जो नरेंद्र मोदी हैं, वह चैकीदार नहीं बल्कि चोर हैं। राहुल ने कहा कि अभी तो शुरुआत हुई है, अभी देखने में मजा आएगा। आने वाले दो-तीन महीनों में ऐसा ही मजा आपको दिखाएंगे। राहुल के हमलों का केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, आजाद भारत के इतिहास में किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के बारे में इस तरह का बयान नहीं दिया है। हम कांग्रेस पार्टी का पर्दाफाश करेंगे।
राफेल डील पर पीएम मोदी पर हमला करने में कोई मौका नहीं चूक रही। कांग्रेस राफेल डील की जांच सीवीसी से कराने की मांग कर चुकी है। इसके अलावा कांग्रेस ने इस डील पर सीएजी से रिपोर्ट तैयार करने का अनुरोध किया है। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के इस बयान के बाद की ऑफशेट कंपनी के रूप में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस के नाम का प्रस्ताव भारत सरकार की ओर से आया था, उनके इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।