नई दिल्ली : राफेल डील को लेकर जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी उसके बाद लगातार इस मुद्दे पर सियासी घमासान जारी है। एक तरफ जहां कांग्रेस ने कोर्ट के फैसले के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और राफेल को अब तक का सबसे बड़ा घोटाला बताया तो दूसरी तरफ भाजपा लगातार कांग्रेस से कोर्ट के फैसले के बाद मांफी मांगने की मांग कर रही है। इस बीच भाजपा के सांसद और वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की बात कही है।
स्वामी ने कहा कि मीडिया के अनुसार एटॉर्नी जनरल ने कहा है कि उन्होंने एफिडेविट को तैयार नहीं किया है। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को इसकी जांच करनी चाहिए क्योंकि इससे उन्हें शर्मिंदा होना पड़ रहा है कि हम अंग्रेजी में एक ड्राफ्ट तक तैयार नहीं कर सकते हैं। अगर ऐसा है तो ये लोग उसे हिंदी भाषा में भी दे सकते थे। स्वामी ने कहा कि एफिडेविट पर सवाल खड़ा होना लाजमी है क्योंकि जब भी इसे कोर्ट में जमा किया जाता है तो इसे सील बंद लिफाफे में जमा किया जाता है। लेकिन इस बार गलती से कोर्ट ने अपने फैसले में इसका खुलासा कर दिया, इसी वजह से लोगों की इसकी जानकारी हो गई।
स्वामी ने कहा कि अगर जजों ने अपना फैसला इस एफिडेविट के आधार पर दिया है तो इससे न्याय प्रक्रिया पर असर पड़ता है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि सरकार की ओर से कहा गया है कि इस मामले की रिपोर्ट कैग को दी गई दी गई है जिसकी जानकारी पीएसी को भी है। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉफ्रेंस करके दावा किया कि कोई भी रिपोर्ट पीएसी के सामने नहीं रखी गई और खुद पीएसी के मुखिया मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसकी पुष्टि की है। राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के गुमराह किया और इस मामले में कोर्ट को गलत जानकारी दी।
गौरतलब है कि राफेल मामले में शुक्रवार को दिए कोर्ट के फैसले में एक तथ्यात्मक गलती सुधारने के लिए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में पेज 21 पर कहा है कि राफेल की कीमत से जुड़े विवरण कैग से साझा किए जा चुके हैं और इसे पीएसी कमेटी ने भी जांचा है। बताया गया है कि कैग की रिपोर्ट पीएसी जांचेगी जबकि हो ये गया कि पीएसी कैग की रिपोर्ट को जांच चुकी है। इसे टाइपिंग में हुई गलती बताई गई है। वहीं राहुल गांधी ने कैग की इस रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आखिर कहां है ये रिपोर्ट।