नई दिल्ली: वायु सेना प्रमुख बीएस धनाओ ने राफेल लड़ाकू विमान को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह विमान भारतीय वायु सेना के लिए कारगर साबित होगा और बड़ी ताकत बनेगा। उन्होंने एचएएल की योग्यता पर भी सवाल खड़े कर दिए। इसको लेकर उनकी आलोचना भी हो रही है। जानकारों की मानें तो वायु सेना के प्रमुख को इस तरह का बयान नहीं दाना चाहिए था। एचएएल के बारे मे जो उन्होंने कहा, वो पूरा सच नहीं है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि यह बहुत ही शानदार एयरक्राफ्ट है। उन्होंने कहा कि दो सरकारों के बीच हुए इस करार में दो स्क्वाड्रन खरीदने पर सहमति बनी है।
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वायु सेना की तत्काल जरूरतों को देखते हुए दो सरकारों के बीच राफेल के दो स्क्वाड्रन खरीदने पर सहमति बनी। इसमें हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) टीओटी (ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलजी) और उत्पादन में शामिल था। एचएएल को छोड़ने का सवाल ही नहीं है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि राफेल और वायु रक्षा प्रणाली एस-400 दोनों भारतीय सेना को मजबूती प्रदान करेंगे।
धनोआ ने कहा, भारतीय वायु सेना ने तेजस में अपना भरोसा जताया है। एलसीए मार्क 2 का विकास किया जा रहा है। आईएएफ की योजना कुल 12 स्क्वाड्रन हासिल करने की है। तिब्बत में चीन की तैयारियों पर वायु सेना प्रमुख ने कहा कि तिब्बत में चीन की ओर से किए जा रहे बुनियादी सुविधाओं के विकास पर हमारी नजर है। चीन का कहना है कि हवाई अड्डों का निर्माण वह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कर रहा है। चीन की काट के लिए हमारे पास योजना है। हम भी सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी सुविधाएं बढ़ा रहे हैं। तिब्बत में चीन के 50 युद्धक विमानों का होना हमारे लिए खतरे की बात नहीं है।
धनोआ ने कहा कि रूस के साथ वायु रक्षा प्रणाली एस-400 की डील पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद इसकी आपूर्ति में 24 महीने का वक्त लगेगा। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि लड़ाकू विमानों की घटती संख्या चिंता का विषय है। बता दें कि फ्रांस के साथ भारत ने राफेल डील किया है। इस सौदे के तहत भारत को 36 लड़ाकू विमान मिलने वाले हैं। हालांकि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।