नई दिल्ली: आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला मामले में आरोपी पटियाला हाउस कोर्ट ने लालू यादव को छोड़कर उनके पुत्र तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को नियमित जमानत दे दी है। हालांकि पटियाला हाउस कोर्ट में सीबीआई ने जमानत का विरोध किया। मगर कोर्ट ने सीबीआई की विरोध याचिका खारिज कर दी और लालू प्रसाद यादव को छोड़ अन्य सभी को नियमित जमानत दे दी। बेल खारिज करने की सीबीआई की अर्जी को भी कोर्ट ने खारिज किया। अब अगली तारीख 19 नवंबर दी गई है। अगली सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम में होगी। ताकि लालू यादव भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे।
कोर्ट रूम में तेजस्वी और राबड़ी देवी के अलावा प्रेमचंद गुप्ता और सरला गुप्ता भी मौजूद थे। पहले तो सीबीआई ने नियमित जमानत का विरोध किया और कहा कि अगर नियमित जमानत दी जाती है तो जांच प्रभावित होगी। हालांकि, तेजस्वी का पासपोर्ट कोर्ट ने जमा कराया। वहीं लालू यादव के खराब स्वास्थ्य की जानकारी कोर्ट में दी गई। कोर्ट ने सीअीआई की जमान को कुछ जरूरी टिप्पणियों के बाद खारिज कर दिया।
ईडी केस में भी सभी आरोपियों की सुनवाई हुई। ईडी केस में सभी आरोपियों को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी। हालांकि, इसमें भी लालू यादव को जमानत नहीं मिली। इस केस में भी 19 नवंबर को ही अगली सुनवाई होगी और लालू यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश होंगे। 31 अगस्त की सुनवाई में कोर्ट ने लालू तेजस्वी और राबड़ी को जमानत दे दी थी। ईडी का आरोप है कि लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे। तब पुरी और रांची में रेलवे के दो होटलों का सब-लीज मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दी गई थी। इस मामले में यह आरोप है कि रेल मंत्री के आदेश पर आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने अपने पदों का दुरूपयोग किया।
पिछली सुनवाई में छह अक्टूबर के लिए लालू यादव के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया गया था। कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान ना तो आरोपियों की रिमांड की मांग की और ना ही उनकी जमानत का विरोध किया था। पटियाला हाउस कोर्ट की सीबीआई कोर्ट ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले में तेजस्वी और राबड़ी देवी को एक-एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। अदालत ने इस मामले में तेजस्वी और राबड़ी के अलावा सभी अन्य आरोपियों को भी जमानत दी थी।