देहरादून: राजधानी दून के प्रेस क्लब में जन हस्तक्षेप द्वारा किशोर उपाध्याय की अध्यक्षता में एक प्रेस वर्ता का आयोजन किया गया, जिसमें दिहाड़ी मजदूरों के लिए बने हुए कानून और कल्याणकारी योजनाओं पर अमल न करने को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, जबसे भाजपा सरकार आई है, तब से निर्माण और दिहाड़ी मजदूरों के लिए बने हुए कानून और कल्याणकारी योजनाओं पर अमल ही नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अत्याचार के खिलाफ उत्तराखण्ड के विपक्षी दलों और विभिन्न संगठनों की ओर से राष्ट्रपति को शिकायती पत्र भेजा जा रहा है।
किशोर उपाध्याय ने कहा कि 2016 में मजदूरों के संघर्षों के बाद हजारों मजदूरों को साइकिल और टूलकिट मले थे, जो मजदूरों तो कानूनी हक हैं। लेकिन मार्च 2017 से अबतक ना तो एक भी साईकिल और ना ही टूलकिट दिया गया है। आरोप लगाया गया कि श्रम विभाग से बाहर के अधिकारियों को नर्णायक पदों पर नियुक्त किया जा रहा है।
साथ ही कहा कि मजदूरों के मृत्यु के लिए मुआवजा, छात्रवृति, शादी के लिए सहायता के आवेदनों पर कार्यवाही ही सरकार नहीं कर रही है। वक्ताओं ने उदाहरण के लिए 70 आवेदनों की सूचि राष्ट्रपति को भेज रहे हैं, जिन पर एक साल से ज्यादा समय होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिस की वजह से गरीब महिलाओं, बच्चों को अपने हक आज तक नहीं मिल पाए हैं। पंजीकरण के लिए गैर कानूनी और बेजरूरत शर्तें लगा कर सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर रही है। यह भी आरोप लगाये गए की यह प्रयास भ्रष्ट अधिकारियों को मौका देने के लिए किया जा रहा है।