नैनीताल: हाईकोर्ट ने बाराकोट से सिमलखेत चंपावत के 25 किलोमीटर रोड का पुनर्निर्माण करने सम्बंधित मामले में मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि, वे जिला अधिकारी चंपावत व एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही करें और रोड का पुर्ननिर्माण कार्य सुनिश्चित करे। कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार, सिमलखेत चंपावत निवासी हयात सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि वर्ष 2014 में सरकार की ओर सर बाराकोट से सिमलखेत के लिए 25 किलोमीटर रोड का पुर्ननिर्माण करने की स्वीकृत दी गयी थी और रोड निर्माण का कार्य पर्वत कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कंपनी की ओर से 23 किलोमीटर रोड का पुनर्निर्माण कार्य ही किया गया और 2 किलोमीटर सही रोड को भी इसमें जोड़ दिया गया। याचिका में कहा कि विभाग की ओर से कंपनी को 9 करोड़ 50 लाख रूपये 25 किलोमीटर रोड बनाने का भुगतान कर दिया गया। लेकिन याचिकाकर्ता के गॉव तक रोड़ नही बन पाई। जिसकी शिकायत गॉव वालों ने जिला अधिकारी को की। जिला अधिकारी ने उसकी जाँच एसडीएम से कराई, जिसमें जाँच सही पाई गयी। इस जाँच में पीडब्लूडी के कई अधिकारियों के नाम शामिल थे। याचिकाकर्ता की ओर से शेष 2 किलोमीटर रोड का निर्माण कार्य शीघ्र करने व दोषी अधिकारियों के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही करने की मांग की थी। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे जिला अधिकारी व एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही करें और रोड का पुनर्निर्माण कार्य करना सुनिश्चित करे।