बागेश्वर: बागेश्वर जिले के गडेरा गांव में हालात अब सुधरने लगे हैं, लेकिन कहीं भी पहले जैसी चहल पहल नहीं हैं। अपनों को खोने की कसक ग्रामीणों के चेहरों पर साफ देखी जा रही है। भले ही बाहरी तौर पर गांव वाले खुश होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हालात बता रहे हैं कि दिलों में लगे जख्मों को भरने में अभी लंबा वक्त लगेगा।
छह दिन पहले इसी गडेरा गांव से बास्ती गांव की ओर बारात गयी थी। उन्हें क्या पता था कि ये खुशी कई लोगों के लिये अंतिम होगी। अचानक रात में लोग बीमार पड़ने लगे और आनन-फानन में उन्हें अस्पताल लाया गया।
बहु मंजू गड़िया का लोगों ने स्वागत किया और सुखी जीवन की कामना की। उस रात लोगों को तकलीफ जरूर हुई जिसे लेागों ने नीयती मान लिया और एकजुट होकर हालात का सामना किया। अब लेाग धीरे धीरे अस्पताल से घर लौटने लगे हैं। मगर गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।
गांव में हालातों का जायजा लेने के लिये जिला प्रशासन के आला अफसर गांव में पहुंचे। शंका थी तक नई बहु और उसके परिवार की स्थिति कैसी होगी। गांव के हर शक्स से बात की। वर पक्ष के हर सदस्य और परिवार की स्थिति पर चर्चा की। सब कुछ ठीक रहा तब प्रशासन ने राहत की सांस ली। हालांकि इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने कभी-कभी परेशानी होने की बात कही, जिस पर तय किया गया कि जब तक गांव में पूरी तरह लोग ठीक नहीं हो जाते तब तक एक मेडिकल टीम गांव में ही बनी रहेगी।
इन सबके बीच लोगों का जनप्रतिनिधियों के बीच गुस्सा भी लोगों के चेहरे पर नजर आया। प्रशासन की तारीफ के साथ नेताओं को जमकर खरी खोटी सुनाई।