नैनीताल: लोनिवि के जूनियर इंजीनियरों की याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि अगर सरकार डीपीसी करती है तो अनुसूचित जाति के लोगों को अनुमन्य आरक्षण का लाभ दिया जाए। लोनिवि के इंचार्ज असिस्टेंट इंजीनियर सिविल विनोद कुमार व अन्य ने उच्च न्यायालय नैनीताल में याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार लोनिवि में असिस्टेंट इंजीनयिरों के पदों पर प्रमोशन की कार्रवाई कर रही है। उक्त कार्रवाई में अनुसूचित जाति को 19 प्रतिशत आरक्षण जो राज्य सरकार की ओर से दिया जाना है, उसका लाभ नहीं दे रही है। याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष 15 जुलाई 2019 को हुई।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता के द्वारा न्यायालय को बताया गया कि राज्य सरकार असिस्टेंट इंजीनियर सिविल के पदों पर अभी प्रमोशन की कार्रवाई नहीं कर रही है, लेकिन जब भी पदोन्नति की कार्रवाई की जाएगी तो अनुसूचित जाति को पदोन्नति में आरक्षण की सुविधा नियमानुसार दी जाएगी। सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय द्वारा याचिका को पूर्ण रूप से निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया गया कि जब भी राज्य सरकार जूनियर इंजीनियर सिविल से सहायक इंजीनियर सिविल के पद पर पदोन्नति की कार्रवाई करेगी तो जो आरक्षण का कोटा अनुसूचित जाति के लिए अनुमन्य है उसके अनुसार अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को उसका लाभ देगी।