लखनऊ: कांग्रेस के सीनियर नेता और पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया लखनऊ में पार्टी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा करने पहुंचे। हार के कारणों पर चर्चा के लिए रखी गई मीटिंग में लगभग वो सभी कांग्रेसी गायब थे जिनसे फीडबैक सिंधिया को लेनी थी। इस मीटिंग में प्रियंका गांधी को सीएम पद का उम्मीदवार बनाने पर भी विचार किया गया है।
आज लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर जी के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन का मंथन किया।
कार्यकर्ताओं की बात से पूरी तरह सहमत हूँ कि यूपी में 2022 विधानसभा चुनाव जीतने के लिए संगठन को मजबूत करना बेहद आवश्यक है। pic.twitter.com/vUCFDS8CQR
— Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) June 14, 2019
बता दें कि समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सिंधिया ने कहा कि 2022 का विधानसभा चुनाव पार्टी पूरी ताकत के साथ लड़ेगी।उन्होंने कहा, “2022 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अहम फीडबैक और सुझाव दिए, ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके, चुनाव नतीजे पूरी तरह से असंतोषजनक हैं लेकिन हम आने वाले चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे।”
मीटिंग के अहम बिंदुओं में प्रियंका गांधी वाड्रा को 2022 विधानसभा चुनाव के लिए सीएम कैंडिडेट घोषित करना भी शामिल रहा।ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “प्रियंका को सीएम का चेहरा घोषित करने से जुड़ा फैसला पार्टी आलाकमान लेगी, लेकिन अभी हमारी प्राथमिकता संगठन को मजबूत करने की है। जब प्रियंका गांधी इस सप्ताह रायबरेली में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा कर रही थीं तो ज्यादातर नेताओं ने उनसे आने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम चेहरा बनने की अपील की है।
वही मीटिंग में शिरकत कर रहे कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राजाराम पाल ने कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट हो चुका है कि आने वाले चुनाव पार्टी बगैर गठबंधन के अपने दम पर लड़ेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब बूथ स्तर पर पूरे राज्य में पार्टी को मजबूत करने पर जोर देगी. कांग्रेस नेता सावित्री बाई फुले ने अपनी हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि वो बैलट पेपर से चुनाव की मांग कर चुकी हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर से चुनाव लड़ने वाले श्रीप्रकाश जायसवाल इस मीटिंग में मौजूद नहीं रहे. यही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और फर्रुखाबाद से कांग्रेस कैंडिडेट सलमान खुर्शीद भी लखनऊ पार्टी मुख्यालय नहीं पहुंचे और इस अहम मीटिंग से दूर रहे।,एक दूसरे अहम नेता और धौरहरा से लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले जितिन प्रसाद भी इस समीक्षा बैठक में दूर रहे। इन नेताओं की गैरहाजिरी के बारे में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।