देहरादून: वत्सला नौटियाल का उत्पीड़न केंद्रीय विद्यालय की प्रधानाचार्य द्वारा किए जाने के संबंध में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। प्रकरण पर चमोली जिले की वत्सला नौटियाल द्वारा आयोग में 16 अगस्त को शिकायत की गई थी कि केंद्रीय विद्यालय हाथीबड़कला की प्रधानाचार्य अंशुम शर्मा जो कि वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी में कार्यरत है बालिका को अपने घर पढ़ाई लिखाई के बहाने से रखा गया था। परंतु उसको घरेलू नौकर की तरह कामकाज कराना और गालियां देना तथा मारपीट करना कि विषय में लिखा गया था। जिस पर कार्यवाही करते हुए पुलिस अधीक्षक चमोली को कार्यवाही के लिए आयोग द्वारा पत्र भेजा गया था जिसमें पुलिस अधीक्षक चमोली द्वारा संबंधित बालिका के घर जाकर बयान लिए वह घटना की पुष्टि की गई। परंतु पीड़िता की ओर से जीरो एफआईआर की कार्यवाही न करके पीड़िता को सलाह दी गई कि वह अपनी एफ आई आर देहरादून संबंधित थाने में करा सकती है क्योंकि संबंधित मामला देहरादून जिले का है।
पीड़िता तथा उसके परिवार द्वारा आयोग में फोन पर सूचना दी गई कि संबंधित थाना जोशीमठ उसकी जीरो एफआईआर लिखने से मना कर रहा है तथा इंचार्ज जोशीमठ का कहना है कि मामला देहरादून का है इसलिए मुकदमा भी वही पंजीकृत होना चाहिए तथा संबंधित प्रकरण वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को प्रेषित किया गया है। जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। पुलिस में दिए बयान के अनुसार जांच अधिकारी द्वारा बताया गया कि नाबालिक के पिता नशे में अंकित होने के कारण बयान अंकित नहीं किए जा सके।पत्रावली का अवलोकन करते हुए उक्ति प्रधानाचार्य के विरुद्ध थाना जोशीमठ में जीरो एफआईआर कर देहरादून संबंधित थाने में हस्तांतरित करने के आदेश पारित किये है।