दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस दीपक मि
रे जाने के बाद मामले को झुलझाने की कोशिशें तेज होती दिख रही हैं। शनिवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा से मुलाकात का प्रयास किया। हालांकि दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी। खबरों की माने तो नृपेंद्र मिश्र करीब 5 मिनट तक चीफ जस्टिस के आवास के बाहर खड़े रहे, लेकिन मीटिंग नहीं हो सकी। दूसरी तरफ अटर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि उम्मीद है कि पूरा मामला सही ढंग से निपट जायेगा।
शुक्रवार को भी अटर्नी जनरल और सीजेआई ने पूरे विवाद पर मीटिंग कर चर्चा की थी। देश के इतिहास में यह पहला मौका था, जब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने आंतरिक विवाद को मीडिया के सामने लाने का फैसला लिया। इस बीच पूरे विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की बार असोसिएशन ने भी शनिवार को शाम को 5 बजे मीटिंग बुलाई है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों जे. चेलामेश्वर, बी. मदन लोकुर, कुरियन जोसेफ और रंजन गोगोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस पर अपनी पसंद के जजों और बेंचों को महत्वपूर्ण केस सौंपने का आरोप लगाया था। इन जजों ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। यही स्थिति रही तो यह भारत के लोकतंत्र के लिए भी खतरा होगा। जजों ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट में उन्हीं की बात नहीं सुनी जाती है।