देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रविवार को बी.एस.एफ. इंस्टीटयूट ऑफ एडवेंचर एंड एडवांस ट्रेनिंग डोईवाला देहरादून और उत्तराखण्ड पर्यटन विभागॉ के तत्वाधान में ‘‘सेव इन्वायरमेन्ट-स्टे हैल्दी एण्ड विमेन इम्पावरमेन्ट’’ अभियान द्वारा द्वितीय रूस्तमजी बीएसएफ-उत्तराखण्ड टूरिज्म एमटीबी हिमालयन रेस -2018 के शुभारम्भ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर सीएम ने परेड ग्राउंड देहरादून में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण व महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से आयोजित साइकिल रेस के लिए बीएसएफ व उत्तराखण्ड टूरिज्म को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पर्यावरणीय संकट के दौर में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में यह रैली महत्वपूर्ण है। बी.एस.एफ और उत्तराखण्ड टुरिज्म का यह प्रयास उत्तराखण्ड में एडवेंचर स्पोट्र्स के क्षेत्र में एक नया आयाम पेश करेगा और विश्व पटल पर उत्तराखण्ड की नैसर्गिक सुन्दरता और रमणीयता के साथ-साथ साहसिक/एडवेंचर स्पोट्र्स की अपार सम्भावनाओं को खोलेगा। जिससे की प्रदेश की अपार क्षमताओं जैसे पैरा ग्लाईडिंग/वाटर स्पोर्ट्स/स्कीइंग/ट्रैकिंग/माउंटिनीरिंग और अन्य साहसिक खेलों का राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार होगा। उन्होंने इस तरह के अभियानों में महिलाओं की अधिकाधिक भागीदारी को बढ़ावा देने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के लिए उत्तराखण्ड के लोगों का योगदान सारी दुनिया के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य सौभाग्यशाली है कि जिसने गौरा देवी, कल्याण सिंह, विश्वेश्वर दत्त सकलानी, जगत सिंह जंगली, सुन्दरलाल बहुगुणा व अनिल जोशी जैसे पर्यावरणविद् दुनिया को दिए जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन में उतारा। सीएम ने कहा कि यह अत्यन्त प्रसन्नता की बात है कि राज्य सरकार के रिस्पना व कोसी नदियों के पुनर्जीवीकरण अभियान में भागीदारी के लिए हजारों की संख्या में लोग स्वयं आगे आए है। कोई भी अभियान व्यापक जन सहयोग से ही सफल हो सकता है। सरकार व समाज द्वारा जनहित में संचालित हर अभियान को लोग अपना काम समझे, तभी यह सफल हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब बड़े शहर व महानगर प्रदूषण के कारण गैस चैम्बर में तब्दील हो गए है, ऐसे में पर्यावरण सरंक्षण व पर्यावरण के प्रति जागरूकता जीवनदायी है। आज हजारों मौतें केवल प्रदूषित वातावरण के कारण हो रही है, शहरी क्षेत्रों व दिल्ली जैसे महानगर विषम पर्यावरणीय संकट से गुजर रहे। ऐसी परिस्थिति में उत्तराखण्ड जैसे हिमालयी राज्य का महत्व बढ़ गया है, हमारा स्वच्छ पर्यावरण हमारी अमूल्य धरोहर है।
वहीं आई.डी शर्मा, आई.जी ट्रेनिंग ने बताया कि इस अभियान में शामिल समस्त माउन्टेन साइकिल के राइडर्स ‘‘सेव इन्वायरमेन्ट-स्टे हैल्दी एण्ड विमेन इम्पावरमेन्ट की मुहिम के साथ माउन्टेन साइकिलिंग करते हुये सुदुर स्थित 350 किलोमीटर में फैले हिमालय क्षेत्र पहाड़ियों में बसे जनमानस तक इसे पहुंचाएंगे।